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Updated on: 20 March, 2025 12:06 PM IST
बायो इथेनॉल से कम होगी पेट्रोल पर निर्भरता

केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर विदेशी निर्भरता कम करने के लिए बायो इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में कदम तेज कर दिए हैं. सरकार चावल और गन्ने की जगह अब मक्का से इथेनॉल उत्पादन को प्राथमिकता दे रही है, क्योंकि इसमें पानी की खपत कम होती है और उत्पादन लागत भी अपेक्षाकृत कम आती है. इसी उद्देश्य से भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (IIMR) ने "इथेनॉल उद्योगों के जलग्रहण क्षेत्र में मक्का उत्पादन में वृद्धि" नामक प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसके तहत उन क्षेत्रों में मक्का उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जहां इसकी खेती की उपयुक्त संभावनाएं हैं. 

बिहार में मक्का उत्पादन पर जोर

बिहार के बेगूसराय स्थित क्षेत्रीय मक्का अनुसंधान और बीज उत्पादन केंद्र में हाल ही में एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया, जिसमें इथेनॉल प्रोग्राम की रणनीति पर चर्चा की गई. इसमें भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (IIMR) के वैज्ञानिक डॉ. चिक्कपा जीके, डॉ. एसएल जाट और डॉ. आलोक साहू उपस्थित रहे. 

मक्का वैज्ञानिक डॉ.एसबी सिंह ने किसानों को उन्नत बीज प्रजातियों की जानकारी दी, जबकि आईसीएआर पटना के डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि बिहार में खरीफ मक्का की खेती के लिए बेहतरीन संभावनाएं हैं. बिहार सरकार के बेमिती पटना निदेशक ने भी खरीफ मक्का के उत्पादन को बढ़ाने और इसे उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों तक पहुंचाने की जरूरत बताई. 

बिहार में बनेगा नया मक्का बेल्ट

इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मक्का की मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे किसानों को बेहतर कीमत भी मिल रही है. डॉ. जाट ने कहा कि सर्दियों के मौसम में पूर्वी बिहार में मक्का की खेती के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में किसानों ने मक्का की खेती में रुचि दिखाई है और अब बिहार में भी एक नया मक्का बेल्ट स्थापित किया जाएगा. 

हाइब्रिड बीजों से उत्पादन बढ़ाने पर जोर

मक्का उत्पादन को बढ़ाने के लिए सिर्फ खेती के क्षेत्रफल को बढ़ाना पर्याप्त नहीं होगा, बल्कि हाइब्रिड किस्मों के बीजों का अधिक उपयोग भी जरूरी होगा. हाइब्रिड तकनीक से मक्का की पैदावार में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है. 

तकनीक और मशीनों की होगी अहम भूमिका

डॉ. जाट ने कहा कि मक्का उत्पादन बढ़ाने के लिए न्यूमेटिक प्लांटर, रिज फ़रो प्लांटर और मक्का ड्रायर जैसी आधुनिक कृषि मशीनों का उपयोग आवश्यक होगा. इसके साथ ही सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों (FPO) और स्वयं सहायता समूहों (SHG) की भागीदारी से भी इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी. 

2024-25 में 44 मिलियन टन मक्का उत्पादन का लक्ष्य

सरकारी नीतियों और डिस्टिलरी के आसपास मक्का जलग्रहण क्षेत्र विकास परियोजना से मक्का की खेती में जबरदस्त वृद्धि हुई है. रिपोर्ट्स के अनुसार, 2024-25 तक भारत में मक्का उत्पादन 44 मिलियन टन से अधिक होने की उम्मीद है. 

बिहार और पूर्वी भारत के लिए रणनीति तैयार 

इस कार्यशाला से मिली सीख के आधार पर बिहार और पूर्वी भारत में मक्का आधारित बायो इथेनॉल उत्पादन के लिए रणनीति और रोडमैप तैयार किया जाएगा. सरकार की यह पहल किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ भारत की ऊर्जा सुरक्षा को भी मजबूत करेगी और पेट्रोलियम उत्पादों पर विदेशी निर्भरता को कम करने में मददगार साबित होगी.

English Summary: maize bio ethanol production india government initiative
Published on: 20 March 2025, 12:12 PM IST

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