सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 1 December, 2021 4:07 AM IST
Agriculture

महाराष्ट्र का मराठवाड़ा एक ऐसा क्षेत्र माना जाता है, जहाँ की जमीन अधिक मात्रा में सुखी पड़ी है. इस वजह से फसलों का अच्छा उत्पादन भी नहीं हो पाता है. इसका असर किसानों की आर्थिक स्तिथि पर पड़ता है. ऐसे में अब किसानों ने नए – नए प्रयोग को अपनाना शुरू कर दिया है.

बता दें कि महाराष्ट्र के मराठवाडा क्षेत्र के किसान एक ऐसी नई तकनीक को अपना रहे हैं, जो कम पानी में अधिक पैदावार दे सकती है. दरअसल, अब किसानों ने रेशम की खेती (Silk Farming ) की तरफ अपना रुझान बढ़ा दिया है. इसके साथ ही निगम की तरफ से किसानों को रेशम की खेती को बढ़ावा देने के लिए महारेशम अभियान (Maharesham Campaign) भी चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत किसानों को रेशम की खेती करने के फायदे के बारे में बताया जा रहा है. बता दें कि यहां की जलवायु रेशम की खेती के लिए अनुकूल हैं.

रेशम कोकून की कीमत है 55 हजार रुपए प्रति क्विंटल (The Cost Of Silk Cocoon Is 55 Thousand Rupees Per Quintal)

मराठवाड़ा के जालना जिले में रेशम के कोकून की खरीद की जा रही है. अगर इसके कीमत की बात करें, तो बाज़ार में इसकी कीमत 55 हजार रुपए प्रति क्विंटल है. इससे किसानों को अब काफी फयदा भी मिल रहा है. वही, रेशम उद्योग को विकसित करने के लिए इच्छुक किसानों को मार्गदर्शित किया जाता है. इसमें अधिकारी किसानों के गांवों में जाते हैं और उन्हें मार्गदर्शित करते हैं. 

इस खबर को भी पढ़ें - रेशम उद्योग से कमाएं लाखों का मुनाफा, ऐसे करें शुरुवात

वहीँ महाराष्ट्र के बीड मंडी समिति में पिछले आठ दिनों से रेशम के कोकूनों की खरीद शुरू हो गई है. बता दें कि जिले में रोजाना का रेशम कीट का टर्नओवर 6 से 7 लाख का होता है. बीड जिले में रेशम कोकून के उत्पादन में वृद्धि को देखते हुए प्रशासन द्वारा कोकूनों की खरीद की अनुमति दी गई थी.

English Summary: maharashtra government is running a campaign to promote sericulture
Published on: 01 December 2021, 05:41 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now