सरकार के आदेश के खिलाफ चलते हुए पराली जलाने की घोषणा कर चुके 80 गांवों के किसान आज सिरसा में किसान संघर्ष समिति के बैनर तले महासभा करेंगे. महासभा में विचार विमर्श के बाद पराली जलाने और आगामी आंदोलन की घोषणा की जाएगी. इस संबंध में डीसी को ज्ञापन भी देंगे. सिरसा चौटाला हाऊस के सामने स्थित देवीलाल पार्क में किसानों की जिलास्तरीय महासभा होगी जिसमें मुख्य रूप से धान की पराली जलाने को लेकर तिथि तय की जाएगी. इसके साथ ही आंदोलन को तेज करने के लिए किसान संघर्ष कमेटी का विस्तार भी किया जाएगा. किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष बूटा सिंह करीवाला, सदस्य अंग्रेज सिंह, सुखदेव सिंह विर्क, बली सिंह, सरदूल सिंह, मोहन सिंह, जरनैल सिंह, नरवैर सिंह, हरभेज सिंह ने बताया कि इस जिलास्तरीय बैठक में आंदोलन को अंतिम रूप दिया जाएगा. धान की पराली को लेकर किसानों पर थोपे जा रहे फैसले के विरोध में पराली को जलाने के लिए तिथि तय की जाएगी. उनके बार-बार इसके लिए ठोस योजना बनाने के आग्रह के बावजूद सरकार इसे अनदेखा कर रही है. ऐसे में मजबूरन उन्हें पराली जलाने का फैसला लेना पड़ रहा है. अब एक ही दिन पूरे जिले में पराली को जलाया जाएगा इसके साथ ही विभिन्न मांगों को लेकर जिला उपायुक्त को मांग पत्र भी सौंपा जाएगा.
गांव-गांव जाकर प्रचार कर रही संघर्ष समिति
किसानों को एकजुट करने के लिए किसान संघर्ष समिति गांव-गांव जाकर प्रचार कर रही है. सरकार की किसान विरोधी नीतियों के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. समिति सदस्यों ने बताया कि प्रत्येक गांव में समिति सदस्य बनाए गए हैं. वे अपने स्तर पर किसानों को हर गतिविधि से जागरूक करवा रहे हैं. आंदोलन को सफल बनाने के लिए समिति का विस्तार भी किया जाएगा.
जीवननगर में ही की थी पराली जलाने की घोषणा
4 अक्टूबर को पराली की समस्या को लेकर जीवन नगर मंडी में 80 गांवों के किसान एकत्रित हुए थे. उस समय धान की पराली के संबंध में सरकार के फैसले पर चर्चा की गई थी. जिसमें यह फैसला किया गया था कि सरकार चाहे जेल भेजे चाहे जुर्माना लगाए वे लोग हर हाल में पराली को जलाएंगे. इसके सिवाए उनके सामने कोई रास्ता नहीं है. उसी समय 10 अक्टूबर को जिलास्तरीय सभा की घोषणा की गई थी.
इस संबंध में स्थानीय प्रशासन को मांग पत्र भी सौंपा गया था.
एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रों में रात्रि के समय दौरा कर निरीक्षण करें तथा जिन क्षेत्रों में पराली जलाई हुई मिले तो उनके खिलाफ उचित कार्यवाही की जाए तथा रात के समय तहसीलदार बीडीओ दौरा करें और संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, सरपंचों, पटवारी की ड्यूटी लगाएं. यदि किसी क्षेत्र में पराली जलाई हुई मिले तो उसकी सूचना एसडीएम को दें, उस क्षेत्र के सरपंच, पटवारी ग्राम सचिव को तुरंत निलंबित किया जाएगा. खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी सरपंचों को भी संदेश दें कि पराली जलाने बारे वे गांव के लोगों को प्रेरित करें यह सरपंचों की नैतिक जिम्मेदारी भी है. गांव स्तर पर पटवारी, सरपंच, ग्राम सचिव एडीओ की टीमें बना कर अपने अधीनस्थ क्षेत्रों का दौरा करें.