नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद करेंगे कृषि जागरण के 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के दूसरे संस्करण की जूरी की अध्यक्षता Millets Varieties: बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलती है अच्छी पैदावार, जानें नाम और अन्य विशेषताएं Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान! आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Updated on: 1 June, 2020 5:15 PM IST

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को मिलने वाली फसल बीमा के लिए नई रूपरेखा तैयार करने का विचार किया है. सरकार ने बीमा कंपनियों को इस काम से हटाकर अब खुद की ही फसल बीमा कंपनी बनाकर किसानों को लाभ देने का फैसला किया है. इस नयी फसल बीमा योजना का ड्राफ्ट लगभग तैयार हो गया है और इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक अहम बैठक करने जा रहे हैं. आगे इस ड्राफ्ट पर मुहर लगने के बाद नई कंपनी को अस्तित्व में लाया जाएगा और इसके जरिए किसानों का फसल बीमा करवाया जाएगा.

मौजूदा समय में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों की फसल का प्रीमियम निजी बीमा कंपनियों को दिया जाता है और वो ही किसानों को प्राकृतिक आपदा में मुआवजा की राशी बांटती है. ऐसी खबरें कई बार आ चुकी है कि प्रीमियम की राशि जिस अनुपात में जमा कराई जाती है उसके मुकाबले फसल बीमा की राशि मुआवजे के तौर पर किसानों को नहीं बांटी जाती. ऐसे में किसानों को इससे ज्यादा ना होकर कंपनियों को होता है जिससे किसान ठगा हुआ महसूस करते हैं.

प्रीमियम में कंपनियों को मुनाफा कैसे ?

बीमा कंपनियों को हर वर्ष आपदा से निपटने और किसानों के लिए रक्षा कवच मुहैया करवाने के लिए प्रीमियम दिया जाता है. साल 2016-17 में बीमित करने वाले किसानों की संख्या लगभग 74 लाभ थी और इसके एव में प्रीमियम की राशि 3804 करोड़ जमा हुई लेकिन, क्लेम का दावा सिर्फ 2039 करोड़ रुपए का हुआ. इसी तरह वर्ष 2018-19 में बीमित करने वाले किसानों की संख्या लगभग 73 लाख थी और इसके एवज में प्रीमियम की राशी 5588 करोड़ जमा हुई लेकिन, क्लेम का दावा सिर्फ 812 करोड़ रुपए का ही हुआ. वहीं वर्ष 2019-20 बीमित करने वाले किसानों की संख्या 35 लाख से ज्यादा है और प्रीमियम की राशि 2345 करोड़ रुपए जमा की गई लेकिन क्लेम का दावा अभी भी बाकी है.

हर किसानों को मिलेगा फायदा : कृषि मंत्री

कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि अब निजी कंपनियों के प्रीमियम का मुनाफा बंद होगा और सरकरी बीमा कंपनी बनने के बाद हर किसानों को फायदा होगा. वहीं मंत्री ने यह भी कहा कि इस नई योजना का नाम मुख्यमंत्री फसल बीमा योजना दिया गया है.

ये खबर भी पढ़ें: कर्ज की तरफ बढ़ा पोल्ट्री उद्योग, सितम्बर तक कम नहीं होंगी मुश्किलें

English Summary: Madhya Pradesh to launch own crop insurance scheme company
Published on: 01 June 2020, 05:19 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now