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Updated on: 1 December, 2025 5:27 PM IST
औषधीय फसलों पर मिलेगी 50% तक सब्सिडी ( Image Source - AI generate)

देश में किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें कृषि के आधुनिक एवं लाभकारी स्वरूप से जोड़ने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है. इन्हीं प्रयासों के तहत मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को एक और बड़ी सौगात दी है. सरकार ने घोषणा की है कि यदि किसान औषधीय फसलों की खेती करते हैं, तो उन्हें 50% तक सब्सिडी प्रदान की जाएगी. यह कदम न केवल किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करेगा, बल्कि उन्हें कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने का अवसर भी देगा.

बढ़ती मांग और निर्यात संभावनाओं को देखते हुए औषधीय खेती किसानों के लिए तेजी से एक लाभकारी विकल्प बनती जा रही है.

औषधीय खेती का बढ़ता क्षेत्र

मध्यप्रदेश में औषधीय खेती लगातार विस्तार कर रही है. वर्तमान में राज्य में करीब 46,837 हेक्टेयर क्षेत्र में किसान औषधीय फसलों की खेती कर रहे हैं. हर वर्ष इसकी मांग और उत्पादन क्षेत्र में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है. इसका मुख्य कारण है कि किसान इन फसलों से कम लागत में अधिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं. इससे कृषि में विविधता बढ़ रही है और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है.

क्यों बढ़ रही है इन फसलों की मांग?

आज के समय में न सिर्फ भारत, बल्कि विदेशों में भी औषधीय फसलों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं-

  • लोग अब नेचुरल और हर्बल प्रोडक्ट्स की ओर ज्यादा झुकाव दिखा रहे हैं, क्योंकि इनमें साइड इफेक्ट्स नहीं होते.

  • फिटनेस अवेयरनेस बढ़ने के कारण पौधों से बनने वाली आयुर्वेदिक दवाओं और सप्लिमेंट्स की मांग बढ़ रही है.

  • कई बड़ी कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के जरिए किसानों से औषधीय फसलें खरीद रही हैं, जिससे किसानों को स्थायी आय का स्रोत मिल रहा है.

किन फसलों पर मिल रही है विशेष सब्सिडी?

सरकार ने कुछ चुनिंदा औषधीय फसलों को प्राथमिकता सूची में शामिल किया है, जिन पर 50% तक की सब्सिडी दी जाएगी. इससे किसानों की लागत कम होगी और लाभ दोगुना होगा. इनमें शामिल हैं-

  • सफेद मूसली

  • ईसबगोल

  • तुलसी

  • अश्वगंधा

  • कोलियस

  • एवं अन्य चयनित औषधीय पौधे

सब्सिडी पाने की प्रक्रिया

यदि आप भी इस सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए चरणों का पालन करें-

  1. अपने जिले के कृषि विभाग या उद्यानिकी विभाग में संपर्क करें.

  2. औषधीय फसल लगाने के लिए विभाग द्वारा उपलब्ध फॉर्म भरना होगा.

  3. फसल के अनुसार विभाग आवश्यक तकनीकी सुझाव और दिशा-निर्देश प्रदान करेगा.

  4. खेती शुरू होने के बाद विभाग नियमित रूप से मॉनिटरिंग करेगा और किसानों की मदद करेगा.

  5. सभी शर्तें पूरी होने पर अनुदान की राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी.

English Summary: Madhya Pradesh government gift to farmers up to 50 percent subsidy on medicinal crops
Published on: 01 December 2025, 12:44 PM IST

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