भारत के कई राज्यों में लंपी स्किन वायरस के कहर से गायों की मौत की तबाही मची हुई हैं. एक सर्वे के अनुसार, देशभर में अब तक लगभग 70 हजार गायों की मौत हो चुकी है. इस वायरस के चलते पशुपालकों में दहशत बनी हुई है.
आपको बता दें कि लंपी वायरस के चलते कई इलाकों में दूध का कारोबार भी प्रभावित हुआ है. फिलहाल कई राज्यों में तो इस वायरस का टीकाकरण (virus vaccination) भी शुरू हो चुका है. तो आइए आज हम इस लेख में जानते हैं कि लंपी संक्रमित गायों के दूध का सेवन इंसानों के लिए कैसा है.
लंपी वायरस से दूध पर प्रभाव (Lumpy virus effect on milk)
लखनऊ मंडल के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और विशेषज्ञ के मुताबिक लंपी वायरस का असर गायों के दूध में दिखाई जरूर देता है. लेकिन इसे दूध में से खत्म किया जा सकता है. दूध को निकालने के बाद आपको दूध को सबसे पहले अच्छे से उबालना चाहिए और फिर उसे स्वच्छ बर्तन में रखना चाहिए. ऐसा करने से वायरस दूध में ही नष्ट हो जाएगा. इसके बाद ही आप गाय के दूध का इस्तेमाल करें.
ध्यान रहे कि वायरस से संक्रमित गायों के बच्चों को दूर रखें. क्योंकि गाय के दूध से बछड़ा व बछिया भी इस वायरस के शिकार हो सकते हैं. वैसे देखा जाए तो अभी तक देश में लंपी वायरस से इंसानों में किसी भी तरह का प्रभाव देखने को नहीं मिला है, लेकिन फिर भी वैज्ञानिकों ने इसे बचने की सलाह जारी की है.
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दूध की मात्रा में कमी (Decrease in milk)
वायरस के चलते गाय के दूध में कमी हो रही है. इससे दूध के कारोबार पर सबसे अधिक असर पड़ रहा है. बता दें कि राजस्थान में दूध की मात्रा में प्रतिदिन 3-4 लाख लीटर की कमी देखने को मिल रही है. ये ही नहीं बाकी राज्यों में भी गाय के दूध का यही हाल है.
ऐसे में सरकार ने सभी पशुपालकों से कहा है कि वह अपनी गायों को इस वायरस से बचाने के लिए गोट पॉक्स वैक्सीन जरूर लगवाएं. यह वैक्सीन पहले बकरियों में लगाई जाती थी. ताकि वह वायरस के संक्रमण से बच सकें.