देशभर के पशुओं में इन दिनों लंपी रोग की समस्या काफी बढ़े पैमाने पर देखने को मिल रही है, खासकर गायों में ये समस्या ज्यादा देखी जा रही है. इस बीमारी के चलते न सिर्फ गायें तड़प रहीं हैं, बल्कि हजारों की संख्या में उनकी मौत भी हो रही है. इसलिए कृषि जागारण की ओर से कल एक ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसका उद्देश्य किसानों को लंपी रोग के बारे में सही जानकारी देना था, आइए इस कार्यक्रम में हुई बातचीत के बारे में विस्तार से जानते हैं.
जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस ऑनलाइन कार्यक्रम में पशु चिकित्सक डॉ. साक्षी शर्मा और गोयल वेट फार्मा के संस्थापक मृदुल गोयल उपस्थित हुए.
कार्यक्रम में हुई चर्चा की संपूर्ण जानकारी कुछ इस प्रकार है:
लंपी रोग क्या है
आपको बता दें कि हमारे ऑनलाइन कार्यक्रम में उपस्थित हुईं डॉ. साक्षी शर्मा के अनुसार लंपी रोग पशुओं की त्वचा पर होने वाला रोग है और यह पॉक्स फैमिली के केपरीपॉक्स वायरस से पैदा हुआ है. इसके अलावा यह एक पशु से दूसरे पशु में बड़ी तेजी से फैलता है.
लंपी रोग के लक्षण
विशेषज्ञों के अनुसार लंपी वायरस के शुरुआती लक्षणों में पशु को तेज बुखार आना, नाक बहना और शरीर पर हल्के-चकते हो जाना है. बुखार के तापमान की बात की जाए तो यह 104 डिग्री से 106 डिग्री के बीच रहता है जोकि पशु की रोग प्रिरोधक क्षमता को काफी ज्यादा प्रभावित करता है. इस रोग की अंतिम स्टेज काफी ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि उस अवस्था में पशु के शरीर पर पड़ चुके चकतों से खून या पस बहने लगता है जिसके कारण पशु को काफी ज्यादा पीड़ा झेलनी पड़ती है.
लंपी रोग फैलने का कारण
लंपी रोग के फैलने के कारण को देखा जाए तो यह संक्रमित गाय के संपर्क में आने और मक्खी, मच्छर या फिर जूं द्वारा खून चूसने के दौरान फैलती है. सरल भाषा में बात की जाए तो यह एक पशु से दूसरे पशु में फैलती है.
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लंपी से बचाव के तरीके
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पशुओं को लंपी रोग से बचाने के लिए सबसे पहले संक्रमित पशु को बाकी पशुओं से दूर रखें.
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दूसरा पशुओं के रहने वाली जगह को समय-समय पर साफ करते रहें.
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पालतू जानवर जहां रहते हैं वहां पर नीम की सूखी पत्तियों का धुंआ करके मच्छर, मक्खी या अन्य दूसरे प्रकार के कीटों को पैदा होने से रोकें.
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पशुओं के खान-पान का ध्यान रखें.
लंपी रोग का इलाज
लंपी रोग पर काबू पाने के लिए सरकार द्वारा वैक्सीन तैयार कर ली गई है और यह सरकारी पशु अस्पतालों में मुफ्त में उपलब्ध है वहां पर जाकर आप अपने पशु को यह टीका लगवा सकते हैं. इसके अलावा गोयल वेट फार्मा के द्वारा तैयार की गई होमिओनेस्ट मैरीगोल्ड ऐल एस डी 25 किट और अन्य दवाओं का भी इस्तेमाल कर सकते हैं इनकी दवाएं मेडीकल स्टोर पर उपलब्ध हैं.