PM Kisan Update: 4 राज्यों के किसानों को मिली 21वीं किस्त, जानें बाकी किसानों को कब तक मिलेगा लाभ? Weather Update: यूपी, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड समेत इन राज्यों में होगी बारिश, जानिए अपने यहां का पूरा मौसम अपडेट Sankalp Retail: देशभर में कृषि-इनपुट खुदरा व्यापार को बदलना और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देना किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 1 February, 2023 10:37 AM IST
आलू की मार से किसानों को नुकसान

Bihar Potato Price: अभी देश के कई हिस्सों में आलू की खुदाई शुरू हो गई है. लेकिन किसान आलू की फसल को बेचने के लिए मंडी के चक्कर लगा रहे हैं. कई राज्यों में अच्छी कीमतों पर किसान अपनी आलू की फसल को बेच पा रहे हैं तो वहीं बिहार में आलू किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. यहां किसान मंडी में आलू बेचने पहुंच तो रहे हैं लेकिन कारोबारी किसान की ओर से तय की गई रकम से कम कीमतों पर आलू खरीद कर रहे हैं जिसके कारण किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है.

गौरतलब है कि बिहार में आलू की उपज अच्छी हुई है. लेकिन स्थानीय किसानों के साथ संकट यह है कि उनका आलू मंडी में खप नहीं रहा है. जिसका कारण है कि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के आलू की वजह से स्थानीय आलू की बिक्री बिहार की मंडी में नहीं हो पा रही है. बिहार के आलू किसानों को खरीदार तक नहीं मिल पा रहे हैं, जिसके कारण किसान परेशान हैं और वह अपने आलू को औने पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं.  जिससे उन्हें लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है.

क्यों पैदा हुआ संकट?

दरअसल, इस समय बिहार की मंडियों में पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों से भी आलू की खेप पहुंच रही है. लेकिन इन सबमें पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश का आलू काफी सस्ती कीमत पर मिल रहा है. बिहार की मंडियों में उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल का आलू प्रति क्विंटल 560 से 570 रुपये है, जबकि बिहार के आलू के भाव 600 से 700 रुपये प्रति क्विंटल तक बने हुए हैं. इन राज्यों के भाव में 200 रुपये प्रति क्विंटल तक अंतर आ रहा है. इसी कारण लोग बिहार के आलू को खरीदने में दिलचस्पी ही नहीं दिखा रहे हैं.

लागत तक नहीं निकल रही

इसके संबंध में किसानों का कहना है कि एक बोरी की उपज में 2600 रुपये तक लग गए हैं, जबकि लागत महज 2400 रुपये ही निकल रही है. जिससे हर बोरी पर करीब 200 रुपये का नुकसान हो रहा है. किसानों ने बताया कि लागत और बिक्री में अधिक अंतर होने के कारण किसान लागत का भी खर्चा नहीं निकाल पा रहे हैं. किसानों का कहना है कि अगर स्थानीय आलू के भाव में बढ़ोतरी नहीं हुई तो प्रति क्विंटल बहुत अधिक नुकसान किसानों को झेलना पड़ेगा.

ये भी पढ़ेंः जाब में 5 रुपये किलो बिक रहा आलू, जानें इसके पीछे की वजह

कोल्ड स्टोरेज का खर्च भी नहीं निकल रहा

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक बिहार में आलू की कीमत का आलम यह है कि किसान कोल्ड स्टोरेज में आलू रखने का खर्चा तक वहन नहीं पा रहे हैं. बता दें कि एक क्विंटल आलू रखने में कोल्ड स्टोरेज का किराया 280 रुपये प्रति क्विंटल है. वहीं बिहार शरीफ में कोल्ड स्टोरेज की कुल संख्या 13 है. जिनमें 15 लाख क्विंटल आलू रखने की क्षमता है. लेकिन किसानों के आलू कोल्ड स्टोरेज में न रख पाने के कारण ये कोल्डस्टोरेज खाली पड़े हुए हैं. कोल्ड स्टोरेज संचालकों को भी खासा नुकसान हो रहा है.

English Summary: Low price of potato in Bihar loss to farmers
Published on: 01 February 2023, 10:51 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now