कोरोना वायरस का कहर किस कदर भयावह रूख अख्तियार करता जा रहा है. इसका अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि हर दिन बढ़ते संक्रमण के मामले अपने पूर्ववर्ती रिकॉर्डों को ध्वस्त करने पर आमादा हो चुके हैं. वहीं, कोरोना के बढते कहर पर ब्रेक लगाने के लिए सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है. मगर हालिया हालात इस बात की ओर संकेत करते हुए नजर आ रहे हैं कि अभी हालात दुरूस्त हो. कोरोना के बढ़ते कहर की वजह से एक नहीं बल्कि बेशुमार परेशानियों से लोग त्राहि-त्राहि करते जा रहे हैं. एक ओर जहां अस्पतालों में मरीजों का दबाव बढ़ रहा है, तो वहीं अंतिम संस्कार के लिए अब जगह और लकड़ी मिलना भी दुर्लभ हो रही है.
अब तक तो महज बढ़ते संक्रमण के मामलों की वजह से अस्पतालों में मरीजों का दबाव ही बढ़ रहा था, लेकिन मौत के बाद अंतिम सस्कार के जिए जगह तक मिलना मुश्किल हो रही है. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, राजधानी लखनऊ के शवदाह में लोगों को जगह तक नहीं मिल पा रही है और बाकी के लोगों को अपनी बारी की इस्तेमाल करने के लिए एक या दो नहीं बल्कि 8 से 10 घंटे की मियाद का इंतजार करना पड़ रहा है. ऐसे में लोगों के माथे पर कोरोना को लेकर खौफ लगातार गहराता जा रहा है.
लगातार बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए लखनऊ नगर निगम ने शवदाह के लिए 90 प्लेटफॉर्म तैयार किए हैं. यह सब कुछ इसलिए किया गया है, ताकि कोरोना से मरने वाले लोगों की सुलभता से अंतिम संस्कार हो सके. खैर, भयावह होती इस स्थिति का सिलसिला कब तक जारी रहेगा. यह तो फिलहाल अब आने वाला वक्त ही तय करेगा.
बेकाबू हो रहा है कोरोना
यहां हम आपको बताते चले कि उत्तर प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इतना ही नहीं, इन बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए अब हालात लॉकडाउन तक पहुंच चुके हैं, लेकिन कल सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ कह दिया था कि आलाधिकारी किसी मुगालतों में न रहें, लॉकडाउन नहीं लगेगा. गौरतलब है कि लगातार बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन की चर्चा अपने चरम पर पहुंच चुकी है. हालांकि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साफ कह दिया है कि अगर कोरोना के मामले यूं ही बढ़ते गए तो फिर हम लॉकडाउन लगाने पर विचार कर सकते हैं.