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Updated on: 17 January, 2019 5:50 PM IST

उपराष्‍ट्रपति श्री एम.वैंकेया.नायडू ने खेती के क्षेत्र के प्रति सार्थक भाव बनाने और इसे सुदृढ़, सतत और लाभकारी बनाने के लिए नीतिगत कार्यक्रमों के माध्‍यम से ढांचागत परिवर्तन लागू करने का आग्रह किया.

उपराष्‍ट्रपति ने हैदराबाद में एग्री-विजन-2019 का उद्घाटन किया और सतत कृषि के लिए, कृषि समाधान विषय पर दो दिन के सम्‍मेलन को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में अनेक चुनौतियों के व्‍यापक और दीर्घकालिक समाधान के लिए सभी हितधारकों ने गंभीर प्रयास किया है. उन्‍होंने कहा कि कृषि ऋण माफी जैसे थोड़े समय के उपायों से कुछ समय के लिए तो राहत अवश्य मिलेगी लेकिन दीर्घकालिक रूप में कोई लाभ नहीं मिलने वाला है.

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उत्‍पादकता में गिरावट, प्राकृतिक संसाधनों की कमी और अवमूल्‍यन, खाद्यान की तेजी से बढ़ती मांग, एक स्‍तर पर टिकी कृषि आय, छोटे भूखंड के तथा अप्रत्‍याशित जलवायु परिवर्तन भारतीय खेती के सामने बड़ी चुनौती है. उन्‍होंने कहा कि पारंपरिक कृषि लाभकारी नहीं होगी और सतत आय सुनिश्चित करने के लिए किसानों को संबंधित गतिविधियों की ओर मुड़ना होगा.  

समावेशी विकास के लिए कृषि क्षेत्र के विकास को महत्‍वपूर्ण बताते हुए श्री नायडू ने कहा कि इस क्षेत्र को सशक्‍त बनाने से न केवल गरीबी में कमी आएगी बल्कि इस क्षेत्र से जुड़े लाखों लोगों की आजीविका भी सुधरेगी. भारत के जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान 18 प्रतिशत है और यह क्षेत्र देश के कार्यबल में 50 % योगदान करता है.

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किसान अनुकूल बाजार, पर्याप्‍त कोल्‍ड स्‍टोरेज सुविधाएं, रेफ्रिजरेटर वैन, मूल्‍यवर्धन के माध्‍यम से खाद्य प्रसंस्‍करण पर फोकस, किसानों को समय पर रियायती ऋण और किसानों तक नवाचारों तथा टेक्‍नॉलोजी पहुँचाने की जरूरत है.

वैंकेया नायडू ने शोधकर्ताओं और कृषि विशेषज्ञों से कृषि क्षेत्र की बहुपक्षीय समस्‍याओं के समाधान का आग्रह किया. श्री नायडू ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के महत्‍वाकांक्षी लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने के लिए सरकारों, वैज्ञानिक समुदाय, कृषि विज्ञान केंद्रों तथा किसानों से मिलकर प्रयास करने का आग्रह किया. उपराष्‍ट्रपति ने यह सुझाव भी दिया कि कृषि पाठ्यक्रमों को पूरा कर रहे विद्यार्थियों को कम से कम छह महीने किसानों के साथ बिताना चाहिए ताकि उनकी समस्‍याओं की सही जानकारी मिल सके.

English Summary: Long term meaningful alternative to debt: vice-president
Published on: 17 January 2019, 05:52 PM IST

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