लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) की तारीखों की घोषणा हो चुकी है. इसकी घोषणा मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने 10 मार्च को प्रेस कांफ्रेंस करके की थी. चुनाव आयोग के कार्यक्रम के अनुसार, लोकसभा चुनाव देशभर 7 चरणों में कराया जाएगा. 11 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग होगी और परिणाम 23 मई को आएंगे . उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में सात चरणों में वोटिंग होगी. इसी के मद्देनजर इनदिनों चुनाव आयोग एक्टिव हो गया है. दरअसल आयकर की छापेमारी के लिए दिल्ली से बुलाई गई सीआरपीएफ जवानों की टुकड़ी को चुनाव ड्यूटी के नाम पर राजधानी भोपाल लाया गया. मध्यप्रदेश प्रदेश की खुफिया एजेंसी ने जब केंद्र से इसकी जानकारी मांगी तो बताया गया कि चुनाव से जुड़े काम के लिए टुकड़ी को भेजा जा रहा है.
गौरतलब है कि केंद्र ने छापेमारी के दौरान स्थानीय पुलिस के बजाय सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के जवानों का इस्तेमाल किया. साथ ही मध्यप्रदेश, गोवा व दिल्ली के ठिकानों पर होने वाली छापेमारी को लेकर स्टेट पुलिस को भ्रम में बनाए रखा. रविवार को कार्यवाही शुरू होने के बाद से सही स्थिति का खुलासा हुआ. बता दे कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी माने जाने वाले राजेंद्र कुमार मिगलानी के दिल्ली में ग्रीन पार्क स्थित घर रविवार सुबह 3 बजे आयकर विभाग के अधिकारी पहुंच गए थे. तबसे देर रात तक अधिकारी घर की तलाशी लेने में जुटे रहे. मिगलानी दिल्ली में मौजूद नहीं थे, लेकिन उनके परिवार के सभी सदस्य घर में ही मौजूद थे, जिन्हें नजरबंद कर लिया गया. किसी को भी घर से बाहर नहीं निकलने दिया गया. आयकर सर्वे में कितनी रकम मिली. क्या-क्या दस्तावेज मिले इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है.
मीडिया में आई के मुताबिक आयकर अधिकारियों ने मिगलानी के घर की तीनों मंजिलों की तलाशी ली. उस दौरान परिवार के सभी सदस्य घर के अंदर ही मौजूद रहे. आयकर अधिकारियों ने जांच के दौरान उनके घर के बाहर खड़ी दो गाड़ियों में रखे सभी कागजातों को भी कब्जे में ले लिया. सर्वे के दौरान स्थानीय पुलिस उनके घर के बाहर सुरक्षा कारणों से दिनभर मौजूद रही. सर्वे कर रहे अधिकारियों के लिए कई बार बाहर से खाना पहुंचाया गया. आपके जानकारी के लिए बता दे कि मिगलानी मुख्यमंत्री कमलनाथ के एक तुगलक रोड स्थित बंगले में बैठते हैं, जो मुख्यमंत्री कमलनाथ का सरकारी बंगला है.