2019 की लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी ऐतिहासिक रही. पार्टी ने चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 300 के आंकड़े को छुआ और प्रचंड बहुमत से जीत हासिल किया. वहीं पार्टी के लिए कृषि संकट से जुझ रहे क्षेत्रों और गन्ना बकाये वाले क्षेत्रों में बढ़त हासिल करना असली कामयाबी. पिछले चुनाव यानि 2014 की अगर बात करें तो भाजपा ने कुल 282 सीटों पर जीत हासिल की थी, और इस बार पार्टी ने पिछले साल के आंकड़ें को भी पार कर लिया. वेब पोर्टल इंडिया स्पेंड की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी शासित 282 सीटों में से 206 सीटों पर कृषि संकट मौजूद हैं लेकिन भाजपा ने इनपर जीत हासिल करके लोगों का विश्वास हासिल किया है.
लोकसभा चुनाव के कैंपेन के दौरान किसान और कृषि क्षेत्र कि कई मुद्दों को विपक्षी पार्टीयों के द्वारा काफी जोर-शोर से उठाया गया. इन मुद्दों में कृषि आय, न्यूनतम समर्थन मूल्य, गन्ना बकाया इत्यादि जैसे कई और मुद्दे. वहीं नवंबर 2018 में देशभर के किसानों ने सरकार के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन भी किया और कर्ज माफी की मांग करते हुए संसद की विशेष सत्र की मांग की.
सकल घरेंलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र की गिरावट भी सरकार के लिए आलोचना की एक वजह बनीं. रिपोर्ट में 2016-17 को दर्शाते हुए कहा गया कि कृषि क्षेत्र में सरकार के खराब प्रदर्शन की वजह से ऐसा हुआ. हालांकि कृषि क्षेत्र को रफतार मिलना इसलिए जरूरी है क्योंकि देश की लगभग 50 प्रतिशत आबादी आज भी कृषि पर निर्भर है. वहीं आगे अगर गन्ना किसानों की बात करें तो गन्ना किसानों के भुगतान की चर्चाएं होती रहीं. 12 मार्च, 2019 तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का 11, 845 करोड़ का बकाया नहीं दिया गया था. सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, शामली और बुलंदशहर के 50 फीसदी से ज्यादा किसनों का 6,168 करोड़ का बकाया नहीं दिया गया था. (जानकारी न्यूज प्लैटफॉर्म)
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश के ज्यादातर इलाके सूखाग्रस्त रहे हैं और बीजेपी द्वारा जीत एक बड़ी उपलब्धी. उत्तर प्रदेश की बूंदेलखंड और महाराष्ट्र की मराठवाड़ा की इलके सूखे से ग्रसित हैं. हालांकि मध्य प्रदेश के विधान सभा चुनाव में भाजपा को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा था और वहां 15 साल की गद्दी गवांनी पड़ी. मध्य प्रदेश की मंदसौर जहां जून 2017 में पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत हो गई थी इस सीट पर भी भाजपा अपनी जीत दर्ज करने में सफल रही है.
सबसे ज्यादा किसान आत्महत्या का सामना करने वाले महाराष्ट्र और कर्नाटक में बीजेपी ने अपना अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है. महाराष्ट्र में बीजेपी ने 48 में से 23 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि कर्नाटक में पार्टी 28 में से 23 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब हुई है.