लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों ने इस बार न सिर्फ गठबंधन की राजनीति को नकारा है बल्कि राजनीतिक पार्टियों को भी हैरत में डाल दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने जहां लोकसभा चुनाव 2014 में 282 सीटें जीती थी .वही, लोकसभा चुनाव 2019 में अभीतक 300 से ज्यादा सीटें जीत चुकी है और अभी भी कुछ जगहों पर मतगण्ना जारी है. इस बार गठबंधन की राजनीति को जनता ने सिरे से खारिज कर दिया. वहीं उत्तर प्रदेश और बिहार में गठबंधन की का दांव पूरी तरह असफल रहा. इस बार के परिणामों में भारतीय राजनितिक इतिहास के लिहाज कई चीजें पहली बार हुईं.
भाजपा ने आम चुनाव में पहली बार खुद के दम पर 300 सीटों का आंकड़ा पार किया. पीएम मोदी के चेहरे और केंद्र सरकार के कामों की बदौलत भाजपा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. नतीजन पीएम मोदी लगातार पूर्ण बहुमत के साथ दूसरी बार केंद्र में सरकार बनाएंगे. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा करने वाले देश के तीसरे और पहले गैर कांग्रेसी नेता होंगे. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में तीन बार कांग्रेस की बहुमत वाली सरकार सत्तारूढ़ हुई थी. इसके बाद इंदिरा गांधी के नेतृत्व में 1967 और 1971 में लगातार दो बार इस तरह की सरकार बनी थी. उसके बाद अब पीएम मोदी यह करिश्मा दोहराने में सफल हुए हैं.
भाजपा ने इस बार के आम चुनाव में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के किले में न केवल सेंध लगाई बल्कि टीएमसी के एकछत्र राज को बड़ी चुनौती दे डाली. पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और योगी आदित्यनाथ ने राज्य में धुआंधार प्रचार किया. बंगाल में भाजपा को 18 सीटों पर जीत मिली है. वोट शेयर के मामले में इसबार भाजपा 40.3% वोट मिले. तो वही 2014 के आमचुनाव में पार्टी महज 17% वोट शेयर के साथ केवल दो सीटें ही जीत पाई थी. बिहार में लालू यादव की पार्टी आरजेडी का पहली बार खाता तक नहीं खुला.
गौरतलब है कि पीएम मोदी के करिश्माई नेतृत्व ने आठ राज्यों में क्लीन स्वीप किया। मतलब यहां विपक्षी दलों का खाता तक नहीं खुला। जिन आठ राज्यों में भाजपा ने क्लीन स्वीप किया है वो दिल्ली (7), राजस्थान (25), गुजरात (26), हरियाणा (10), उत्तराखंड (5), हिमाचल प्रदेश (4), त्रिपुरा (2) और अरुणाचल प्रदेश (2) आदि है। इन सभी राज्यों में भाजपा का वोट शेयर 50 फीसदी से ज्यादा रहा। इसके साथ ही भाजपा ने मध्य प्रदेश की 29 सीटों में से 28 पर और छत्तीसगढ़ की 11 सीटों में से 9 पर जीत का परचम लहराया। इसके अलावा महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना गठबंधन ने 48 में से 39 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं दिल्ली, हरियाणा, गुजरात और राजस्थान में कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल पाई.