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Updated on: 21 June, 2025 2:29 PM IST
लीची तुड़ाई उपरांत बागों में आवश्यक कटाई-छंटाई एवं छत्रक प्रबंधन की वैज्ञानिक विधि को सीख उत्साहित हुए लीची उत्पादक किसान

भाकृअनुप–राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र, मुशहरी, मुजफ्फरपुर द्वारा "छत्रक प्रबंधन" विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लीची तुड़ाई उपरांत बागों में आवश्यक कटाई-छंटाई एवं छत्रक प्रबंधन की वैज्ञानिक विधियों से किसानों को अवगत कराना था. इस अवसर पर केन्द्र के निदेशक डॉ. बिकाश दास ने प्रशिक्षणार्थीयों को संबोधित करते हुए बताया कि लीची तुड़ाई के पश्चात बागों में अनावश्यक एवं रोगग्रस्त शाखाओं को हटाना पौधों के दीर्घकालिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कटाई-छंटाई से पौधों में प्राकृतिक प्रकाश और वायुसंचार बेहतर होता है, जिससे कीट एवं रोगों के प्रकोप की संभावना में कमी आती है.

किसानों को इस बात पर विशेष ध्‍यान देने की आवश्‍यकता है. इसी उद्देश्‍य से एक दिवसीय छत्रक प्रबंधन विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें मिनापुर से रामचन्‍द्र सिंह व रामबाबू प्रसाद व संतोष कुमार, सैरया से प्रशांत कुमार, मुरौल से शरदानंद झा व गणेश कुमार, मणिका से जानकी रमण प्रसाद सिंह, वैशाली से प्रिय रंजन, सुमन कुमार, सकरा से रौश्‍न कुमार, समस्तीपुर जिले के मलीकौर से रामजी कुमार, कुढ़नी से शशि भूषण महतो,  कांटी से सुरेश गुप्‍ता, चॉंद परना से प्रभात कुमार आदि लोगों ने भाग लिया.

भाकृअनुप–राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र, मुशहरी, मुजफ्फरपुर द्वारा "छत्रक प्रबंधन" विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्‍वयक डॉ. सुनील कुमार वैज्ञानिक फल विज्ञान, डॉ. अशोक धाड़क वरिष्‍ठ तकनीकी अधिकारी एवं  डॉ. भाग्‍या विजयन वैज्ञानिक कृषि प्रसार थे. इस कार्यक्रम में सहयोगी के रूप में अजय रजक, धर्मेन्‍द्र कुमार, श्‍याम पंडित व धर्मेदेव भारती थे.

लेखक: रामजी कुमार, एफटीजे, बिहार

English Summary: litchi harvesting training program organized at Litchi Research Center Muzaffarpur farmers training on scientific management techniques
Published on: 21 June 2025, 02:35 PM IST

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