Delhi Excise Policy Case: दिल्ली की आबकारी नीति मामले में घोटाले को लेकर दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री व आप नेता मनीष सिसोदिया की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं.
ईडी की पांच दिनों की रिमांड खत्म होने के बाद मनीष सिसोदिया को दिल्ली के राउज एवेन्यु कोर्ट में पेश किया गया. ईडी ने शराब नीति के मामले में हुए घोटाले को लेकर मनीष सिसोदिया से पूछताछ करने के लिए मांग की थी. इसी के मद्देनजर, कोर्ट ने सिसोदिया को 5 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, जिससे साफ है कि सिसोदिया को आने वाले कुछ दिन और जेल में ही बिताना पड़ेगा.
इस दौरान सिसैदिया ने सुनवाई के दौरान राउज एवेन्यु कोर्ट में जज एम. के. नागपाल से जेल में पढ़ाई करने के लिए कुछ पुस्तकों की बात कही. इसके लिए उन्होंने कोर्ट को एक एप्लीकेशन भी लिख कर दिया.
इससे पहले 21 मार्च को उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति से संबंधित धनशोधन मामले में जमानत के लिए अदालत का रुख किया था, जिस पर अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय से उसका रुख जानना चाहा. इस पर विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने ईडी को नोटिस जारी करके इसका जवाब 25 मार्च तक मांगा है. इससे पहले भीअदालत ने सिसोदियाकी हिरासत को 17 मार्च से पांच दिन बढ़ाकर 22 मार्च तक कर दिया था.
दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था.
शराब नीति घोटाला मामला क्या है?
अरविंद केजरीवाल सरकार ने नवंबर 2021 को एक्साइज पॉलिसी को लागू किया था. इस नीति के माध्यम से दिल्ली सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी के जरिए दिल्ली में माफिया राज को खत्म करने की बात बताई थी. दिल्ली सरकार ने इस नीति का उद्देश्य सरकार के राजस्व में इजाफे को बताया था. इस मामले में जुलाई 2022 में दिल्ली के मुख्य सचिव ने एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें एक्साइज पॉलिसी में घोटाले की बात कही गई.
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इसी रिपोर्ट में सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था, जिसेक बाद 22 अगस्त 2022 को ईडी ने आबकारी नीति में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.