Himachal Pradesh MNREGA update: हिमाचल प्रदेश में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत मजदूरों की हाजिरी लगाने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है. राज्य सरकार ने मजदूरों की हाजिरी लगाने के लिए एक नई तकनीक लागू की है. अब मजदूरों की उपस्थिति उनके चेहरे की स्कैनिंग/Face Scanning और झपकती पलकों से तय होगी. इसके लिए एनएमएमएस (राष्ट्रीय मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम/National Mobile Monitoring System) सॉफ्टवेयर का नया और अपडेटेड वर्जन लाया गया है. इस तकनीक का उद्देश्य मनरेगा में पारदर्शिता बढ़ाना और फर्जी हाजिरी की समस्या को खत्म करना है.
यह नई प्रणाली मजदूरों/laborer को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के साथ-साथ मनरेगा कार्यों को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक अहम कदम है. आइए इसके बारे में यहां विस्तार से जानते हैं...
कैसे काम करेगा नया सिस्टम?
- पंचायत प्रतिनिधि एनएमएमएस सॉफ्टवेयर/ NMMS Software के जरिए मजदूरों की हाजिरी लगाएंगे.
- एक साथ 10 मजदूरों की हाजिरी लगाने की सुविधा होगी.
- यह प्रक्रिया केवल कार्यस्थल से 30 मीटर के दायरे में ही संभव होगी.
- मजदूरों की झपकती पलकों की पुष्टि के बाद उनकी उपस्थिति दर्ज की जाएगी.
क्यों जरूरी था यह बदलाव?
मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश के मजदूरों की हाजिरी फोटो खींचकर होती है. इस प्रक्रिया के चलते कई तरह की फर्जीवाड़े की शिकायतें सामने आ रही थीं. देखा जाए तो कई बार मजदूर कार्यस्थल पर न होकर भी उनकी उपस्थिति दर्ज कर ली जाती थी. इसी के चलते यह कदम उठाया गया है. नई तकनीक से यह सुनिश्चित होगा कि केवल वास्तविक मजदूर ही हाजिरी लगा सकें.
नई प्रक्रिया के फायदे
- पारदर्शिता में वृद्धि: अब फर्जी हाजिरी की गुंजाइश खत्म होगी.
- समय की बचत: एक साथ 10 मजदूरों की हाजिरी आसानी से लगाई जा सकेगी.
- सटीक निगरानी: झपकती पलकें और चेहरा स्कैन करना सुनिश्चित करेगा कि मजदूर वास्तव में काम पर हैं.
हाजिरी लगाने की प्रक्रिया
- मस्टररोल के पहले पन्ने पर दर्ज मजदूरों को एकत्र किया जाएगा.
- उनके नाम के सामने टिक करके फोटो खींची जाएगी.
- सॉफ्टवेयर मजदूरों की झपकती पलकों और सिरों की गिनती करेगा.
मनरेगा में बदलाव क्यों?
जानकारी के लिए बता दें कि सरकार का यह कदम मनरेगा कार्यों में अधिक पारदर्शिता लाने और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए उठाया गया है. नई प्रणाली से न केवल उपस्थिति की सटीकता बढ़ेगी बल्कि मजदूरों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी. इस नई तकनीक से मजदूरों के हितों की रक्षा करना और योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाना है. हिमाचल प्रदेश में यह प्रणाली मजदूरों और प्रशासन दोनों के लिए एक बड़ा बदलाव साबित होगी.