Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 21 July, 2022 5:48 PM IST

सरकार की तरफ से मधुमक्खी पालन के तहत राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं हनी मिशन योजना चलाई जा रही है, जिसका भूमिहीन ग्रामीण गरीबों व सीमांत किसानों के लिए आजीविका के लिए मधुमक्खी पालन एक अच्छा स्त्रोत बनाना है, जिससे बागवानी कृषकों के उत्पादन व आय में वृद्धी हो. इस योजना के तहत मधुमक्खी पालकों को 80 से 85 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है.

20 अगस्त आवेदन की अंतिम तिथि

हरियाणा राज्य के मधुमक्खी पालक यदि इस योजना को लाभ पाना चाहते हैं, तो उनके लिए आवेदन की अंतिम तारिख 20 अगस्त 2022 तय की गई है. आवेदक मधुमक्खी पालन कालोनियों, मधुमक्खी के बक्से, मधुमक्खी पालन उपकरण व ट्रेनिंग के लिए एकिकृत बागवानी मिशन (integrated horticulture Mission) के तहत लाभ ले सकते हैं.  

मधुमक्खी संरक्षण

मधुमक्खियां पर्यावरण के लिए बेहद फायदेमंद हैं, लेकिन उनकी संख्या में गिरावट आ रही है, इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके लिए एक सुरक्षित आवास प्रदान करें.

मधुमक्खी पालन एक ऐसा कार्य (Skill) है, जो दुर्लभ होता जा रहा है और ऐसा लगता है कि दुनियाभर में मधुमक्खी पालकों की संख्या में गिरावट आई है. मधुमक्खी पालन एकीकृत कृषि प्रणाली के हिस्से के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों/भूमिहीन श्रमिकों द्वारा की जाने वाली एक कृषि गतिविधि है. मधुमक्खी पालन फसलों के परागण में उपयोगी रहा है, जिससे फसल की उपज बढ़ाने और शहद और अन्य उच्च मूल्य वाले मधुमक्खी उत्पादों को उपलब्ध कराने के माध्यम से किसानों/मधुमक्खी पालकों की आय में वृद्धि हुई है. भारत की विविध कृषि-जलवायु परिस्थितियाँ मधुमक्खी पालन/शहद उत्पादन और शहद के निर्यात की अपार संभावनाएं और अवसर प्रदान करती हैं.

यह भी पढ़ें : सरकार ने लिया 60 लाख मधुमक्खियों को मारने का फैसला, जानिए क्या है वजह?

राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन क्या है

देश में एकीकृत कृषि प्रणाली के हिस्से के रूप में मधुमक्खी पालन के महत्व को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (NBHM) के लिए तीन साल (2020-21 से 2022-23) के लिए 500 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी है. NBHM मिशन की घोषणा आत्मानिर्भर भारत योजना के हिस्से के रूप में की गई थी.

English Summary: last date for appying for National Beekeeping & Honey Mission is 22 august 2022
Published on: 21 July 2022, 05:56 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now