इस दिन भगवान राम असूरों का संहार कर के अयोध्या लौटे थे. दीवाली का दिन मां लक्ष्मी के स्वागत का दिन है. पर्व पर विधि-विधान से पूजा कर और चारों और प्रकाश फैलाकर सकारत्मकता का संचार कर मां लक्ष्मी से समृद्धि और संपन्नता मांगते हैं.
दिवाली पूजन का शुभ मुहूर्त्त (Diwali Pujan Subh Muhurat 2022)
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त- 24 अक्टूबर रात 11:40 से 25 अक्टूबर 12:31 तक
अमावस्या तिथि प्रारंभ– 24 अक्टूबर, 2022 को शाम 05 बजकर 27 मिनट
अमावस्या तिथि समाप्त– 25 अक्टूबर, 2022 को शाम 04 बजकर 18 मिनट
प्रदोष काल- 24 अक्टूबर, शाम 06 बजकर 10 मिनट से शाम 08 बजकर 39 मिनट तक
वृषभ काल- शाम 07 बजकर 26 मिनट से रात 09 बजकर 26 मिनट तक
पूजा की थाली में रखें ये सामग्री
पूजा के लिए थाली में रोली, चावल, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, घी या तेल से भरे हुए दीपक, कलावा, नारियल. कमल का फूल, गंगाजल, फल-फूल-मिठाई, धूप, चंदन, घी, मेवा, खील-खिलौना और बतासे, चौकी, कलश, फूलों की माला, शंख, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ती, चांदी का सिक्का, 11 दीपक, मां लक्ष्मी के वस्त्र और श्रृंगार का सामान.
पूजा से पहले कर लें शुद्धिकरण
लक्ष्मी-गणेश पूजन शुभ मुहूर्त्त से पहले घर का गंगाजल से शुद्धिकरण कर लें. इसके बाद सभी सामग्रियों पर भी गंगाजल छिड़क लें, हथेली पर तीन बार जल लेकर उसे पी लें और चौथी बार हाथ धो लें. चौकी पर स्वास्तिक का चिंह्न बनाकर लाल कपड़ा बिछा लें. अब इन पर 11 दीपक प्रज्वलित कर रखें. लक्ष्मी-गणेश सहित मां सरस्वती और भगवान कुबेर की प्रतिमा स्थापित करें. अब गणेश सहित सभी देवों का स्मरण करें. सामग्री का प्रयोग करते हुए विधि-विधान पूर्वक पूजा करें.
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पूजन के लिए महामंत्र
महालक्ष्मी के महामंत्र- “ओम् ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः ओम् श्रीं श्रीयै नमः ओम् ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः ओम् श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद् प्रसीद् श्रीं ह्रीं श्रीं ओम् महालक्ष्मयै नमः” का कमलगट्टे की माला से कम से कम 108 बार जाप करेंगे तो आपके ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहेगी.
लक्ष्मी-गणेश यंत्र की करें स्थापना
दुकान, व्यवसाय में दिन दोगुनी रात चौगुनी बढ़ोतरी करने के लिए शुभ मुहूर्त्त में दिवाली पूजा करने के साथ लक्ष्मी-गणेश यंत्र की स्थापना करें. नियमित रूप से पूजा-अर्चना करने पर धन-वैभव लाभ होगा.