देश की महिलाओं के लिए सरकार ऐसी योजना लेकर आ रही है, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है और हाल ही में यूपी सरकार ने स्वयं सहायता समूहों (SHG) से जुड़ी महिलाओं के लिए विशेष कदम उठाया है 'लखपति दीदी' योजना के माध्यम से. इस योजना द्वारा महिलाएं आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बन रही है. साथ ही सरकार ने 'लखपति दीदी' कार्यक्रम के तहत साल 2026-27 तक प्रदेश की लगभग 28.92 लाख महिलाओं को सालाना एक लाख से अधिक श्रेणी में लाने का लक्ष्य तय किया है. आगे इस लेख में जाने योजना से जुड़ी सभी जानकारी.
क्या है लखपति दीदी कार्यक्रम?
लखपति दीदी कार्यक्रम केंद्र सरकार की एक ऐसी पहल है, जिसके माध्यम से राज्य की महिलाओं को अधिक लाभ होगा. इस योजना की मदद से महिलाएं सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकेंगी. साथ ही इस योजना की शुरुआत के पीछे का यह उद्देश्य है स्वयं सहायता समूहों (SHG) से जुड़ी महिलाओं की सालाना आय को एक लाख रुपये से अधिक करना है.
वहीं केंद्र ने वित्तीय वर्ष 2026-27 में इस योजना में यह टारगेट सेट किया है कि देश में करीबन दो करोड़ SHG समूहों से जुड़ी महिलाओं को लखपति बनाया जाएगा. इसी क्रम में सरकार ने इस योजना में 28.92 लाख महिलाओं का लक्ष्य तय किया है. जिसे राज्य सरकार चरणबद्ध तरीकों से पूरा करेगी ताकि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी सभी महिलाएं लखपति दीदी बन सकें और वह आर्थिक रुप से मजबूत हो सकें.
यूपी में स्वयं सहायता समूहों की स्थिति
वर्तमान की अगर स्वयं सहायता समूहों की बात करें तो उत्तर प्रदेश में करीबन 8,96,618 समूह सक्रिय हैं, जिनसे लगभग 98.49 लाख ग्रामीण महिलाएं इन समूहों से जुड़ी है. साथ ही ये महिलाएं विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से कमाई कर रही है, जिनमें कृषि आधारित कार्य, पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्कर, सिलाई-कढ़ाई, अगरबत्ती सेवा आधारित छोटे उद्यम प्रमुख हैं.
तेजी से काम करने के निर्देश
राज्य सरकार ने इस योजना में तेजी से काम करने के लिए जिलाधिकारियों और संबंधित विभागों को निर्देश दिए है कि वे लखपति दीदी कार्यक्रम की सही प्रकार से समीक्षा करें. साथ ही जिन जिलों में यह योजना किसी वजह से पीछे रह गयी है. उन जिलों में सरकार विशेष अभियान चला कर महिलाओं को प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध करा रही है. इसके अलावा सफल लखपति दीदियों के अनुभव को अन्य महिलाओं तक पहुचांया जा रहा है, ताकि वह महिला भी प्रेरित होकर आगे बढ़े.
आय बढ़ाने पर विशेष जोर
इस योजना की शुरुआत करने के पीछे राज्य सरकार का उद्देश्य केवल आय बढ़ाना ही नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि सालाना महिलाओं की आय स्थिर बनी रहे. साथ ही सरकार ने यह लक्ष्य तय किया है कि प्रत्येक सदस्य की आय फसल चक्र के दौरान लगातार तीन वर्षों तक एक लाख रुपये से कम न हो.