कृषि विज्ञान केन्द्र, जाले (दरभंगा) द्वारा एक दिवसीय गैर-संस्थागत प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मृदा एवं जल अभियंत्रण वैज्ञानिक ई. निधि कुमारी की देखरेख में आयोजित इस कार्यक्रम का विषय था धान की बुआई एवं पौध लगाने हेतु मशीनों से होने वाले लाभ. प्रशिक्षण के दौरान वैज्ञानिक निधि कुमारी ने किसानों को कम एवं मध्यम अवधि वाले धान की सीधी बुआई के लिए डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR) पद्धति की जानकारी दी. उन्होंने शून्य जुताई विधि, राइस-व्हीट सीडर, तथा ड्रम सीडर तकनीक के उपयोग से होने वाले लाभों को विस्तारपूर्वक समझाया.
कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि 14 से 21 दिन पुराने पौधों को स्वसंचालित पैडी ट्रांसप्लांटर द्वारा कैसे प्रभावी ढंग से रोपा जा सकता है, जिससे श्रम और समय की बचत के साथ-साथ उत्पादन में वृद्धि होती है. यह प्रशिक्षण दरभंगा जिले के जाले प्रखंड के जाले गांव में आयोजित किया गया, जिसमें 23 अनुसूचित जाति की महिला किसानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया. कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आधुनिक कृषि यंत्रों के प्रति जागरूक करना और उन्हें धान उत्पादन में तकनीकी रूप से सक्षम बनाना था.