क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत राजस्थान में लगभग 200 करोड़ रुपए के दावों का भुगतान किया है. इन दावों से गंगानगर, अलवर और बुंदी जिलों के किसानों को राहत मिली है. क्षेमा ने यह भुगतान पीएमएफबीवाई के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करते हुए समयबद्ध तरीके से किया है. इसका उद्देश्य उन किसानों को लाभ पहुँचाना है, जिन्होंने फसल क्षति के लिए सही दावा किया.
कंपनी ने चालू रबी सीजन में किसानों द्वारा किए गए फसल बीमा आवेदनों की वैधता सुनिश्चित करने के लिए फसल निगरानी प्रक्रिया शुरू की है. यह प्रक्रिया भारत सरकार द्वारा जारी किए गए ऑपरेशनल गाइडलाइंस खरीफ-23 के अंतर्गत की जा रही है. इससे दुनिया की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना का प्रभावी संचालन सुनिश्चित होगा.
किसानों के हित में समयबद्ध कदम
क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड के चीफ रिस्क ऑफिसर, कुमार सौरभ ने कहा, "हमने श्री गंगानगर, अलवर और बुंदी जिलों के किसानों को उनके फसल नुकसान के लिए 200 करोड़ रुपए का भुगतान किया है. यह हमारी प्राथमिकता है कि सभी वास्तविक दावों का समय पर निपटारा किया जाए. हम किसानों से अनुरोध करते हैं कि वे फसल निगरानी प्रक्रिया को समय-सीमा के भीतर पूरा करने में हमारा सहयोग करें ताकि उनकी जरूरत के समय हम उनकी मदद कर सकें."
फसल निगरानी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सटीकता
क्षेमा ने अपनी उन्नत तकनीक और फील्ड सर्वेक्षण प्रक्रिया के माध्यम से फसल निगरानी की एक पारदर्शी प्रणाली बनाई है. सैटेलाइट इमेजरी और जियो-स्पेशल टेक्नोलॉजी के उपयोग से उन खेतों की पहचान की जाती है, जहाँ फसल नहीं बोई गई हो या बोई गई फसल आवेदन में दी गई फसल से अलग हो. यह कदम सुनिश्चित करता है कि केवल सही दावेदार किसानों को ही योजना का लाभ मिले.
इस प्रक्रिया का उद्देश्य पीएमएफबीवाई के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए निम्न गड़बड़ियों को रोकना है:
- बोई गई फसल से ज्यादा जमीन का बीमा कराना.
- एक ही भूखंड पर एक से अधिक बीमा पॉलिसी लेना.
- गैर-कृषि भूमि को बीमित भूमि के रूप में दिखाना.
- बीमित भूमि पर फसल न बोने की स्थिति.
- बोई गई फसल और बीमित फसल में अंतर होना.
किसानों के हित में सरकार और कंपनी का सहयोग
राजस्थान सरकार ने किसानों के हित में क्षेमा के प्रयासों की सराहना की है. कंपनी किसानों के दावों को समय पर निपटाने और सार्वजनिक धन की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. कुमार सौरभ ने कहा, "पीएमएफबीवाई दिशानिर्देश बीमा प्रदाताओं को अधिकार देते हैं कि वे फसल निगरानी करें ताकि दावों का भुगतान तेजी से हो सके. यह किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि वे योजना के तहत सभी प्रक्रियाओं का सही तरीके से पालन करें."
धोखाधड़ी रोकने के लिए उन्नत तकनीक का इस्तेमाल
क्षेमा की तकनीकी टीम फसल निगरानी और बीमा दावों के सत्यापन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्थान-आधारित जानकारी का उपयोग करती है. इससे फसल बीमा प्रक्रिया में पारदर्शिता और सटीकता बनी रहती है. कंपनी ने यह सुनिश्चित किया है कि गलत दावों को समय रहते रोका जा सके, ताकि किसानों को समय पर उनका हक मिल सके.
क्षेमा का परिचय
क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड का मिशन है किसानों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें अत्यधिक मौसमी घटनाओं तथा अन्य जोखिमों से उत्पन्न होने वाले आर्थिक अस्थिरताओं से बचाने के लिए सहायता प्रदान करना है. इसके लिए क्षेमा एक उन्नत AI-आधारित एल्गोरिदम और स्थान-आधारित जानकारी का उपयोग करता है ताकि बीमा जोखिमों का सही मूल्यांकन, मॉडलिंग और मूल्य निर्धारण किया जा सके. क्षेमा अपने प्रोप्रायटरी प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग उसी नाम से किसानों की विशिष्ट जरूरतों के अनुरूप तैयार किए गए समाधान को प्रदान करता है. इस प्लेटफ़ॉर्म का विकास स्थानिक डेटा साइंस, एक्चुअरीज़, फाइनेंशियल इंजीनियरस् और रिमोट सेंसिंग के क्षेत्र के वैश्विक विशेषज्ञों के साथ साझेदारी में किया गया है.
यह प्लेटफॉर्म जोखिम का आकलन और मूल्यांकन करने के साथ ही साथ अपने उत्पादों- सुकृति और प्रकृति के माध्यम से खेती के स्तर पर पूर्व-कटाई जोखिमों का समाधान करने की अनुमति देता है. क्षेमा, जो क्षेमा होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड का एक हिस्सा है, को जनवरी 2023 में नियामक IRDAI से अपना लाइसेंस प्राप्त हुआ था. अधिक जानकारी के लिए क्षेमा की वेबसाइट पर लॉग-इन करें.