Papaya Farming: पपीते की खेती से होगी प्रति एकड़ 12 लाख रुपये तक कमाई! जानिए पूरी विधि सोलर पंप संयंत्र पर राज्य सरकार दे रही 60% अनुदान, जानिए योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया केवल 80 से 85 दिनों में तैयार होने वाला Yodha Plus बाजरा हाइब्रिड: किसानों के लिए अधिक उत्पादन का भरोसेमंद विकल्प किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 16 November, 2021 4:11 PM IST
Krishika Kisan Mart

कृषिका किसान मार्ट- एक ऐसा नाम जिसने एक साल में ही उत्तर प्रदेश में अपनी नयी पहचान बना ली है. एक साल,दस जिले, बीस सेंटर और हज़ारों किसानों का साथ, कुछ इसी तरह से कृषिका उत्तर प्रदेश में आगे बढ़ रहा है.

हाल ही में कृषिका ने एक गैर सरकारी संगठन, भाग्योदय फाउंडेशन, जो निजानंद आश्रम के साथ ग्रामीण आजीविका के उत्थान और उनकी पूरक घरेलू आय में वृद्धि के लिए काम करता है, के साथ मिलकर मुज़्ज़फरनगर के ग्राम - न्यामू ब्लॉक - चरथावल में किसान गोष्ठी आयोजित किया. जहाँ कृषिका के खेती एवं पशु पालन विशेषज्ञों ने किसानो को पशुधन और फसल उत्पादन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी .

इस गोष्ठी में लगभग 70 किसान सम्मलित हुए. जिनके साथ कृषिका के विशेषज्ञों ने पहले कृषिका का परिचय दिया और फिर उन्हें खेती की लागत को कम करने और इष्टतम उत्पादन लेने के तरीकों पर चर्चा किया. डॉ अजय सिंह चौहान ( कृषि विशेषज्ञ- कृषिका) ने किसानों  को मृदा संरक्षण , रसायनों का न्यूनतम उपयोग , जैविक खेती, फसल पैटर्न में हस्तक्षेप, औषधीय पौधों और अन्य नकदी फसलों को पेश करना, जीरो बजट खेती के बारे में विस्तार से बताया.

इसके साथ ही, अम्ब्रीश श्रीवास्तव (पशु पालन विशेषज्ञ - कृषिका) ने उन्हें बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जानवरों के वर्तमान स्वस्थ्य सम्बन्धी योजनाओ एवं टीकाकरण का महत्व बताया. और बताया की किस तरह नवजात बछड़ों में मृत्यु दर पर रोकथाम लगायी जा सकती है. साथ ही समझाया की आहार विनियमों के साथ पशुओं की देखभाल कैसे की जा सकती है.

किसानों ने भी  गोष्ठी में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और बहुत से प्रश्न पूछे जिसका विशेषज्ञों ने उनकी संतुष्टि के अनुसार उत्तर दिया. उन्होंने गांव के युवाओं के साथ भी बातचीत की और उन्हें सुझाव दिया कि कृषि और पशुधन जब प्रौद्योगिकी के साथ एकीकृत हो जाते हैं तो मुद्रीकरण के पर्याप्त अवसर होते हैं.

कृषिका किसान मार्ट वर्त्तमान में पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोंडा, बहराइच , देवरिया , गोरखपुर , बस्ती , बाराबंकी , सीतापुर , लखनऊ , रायबरैली और अयोध्या जिलों में 20  सेंटर खुले हैं. इन सेंटर्स पर गेहूं, सरसों एवं सभी तरह की सब्ज़ियों के उच्चतम किस्म के बीज उपलब्ध हैं. इसके साथ ही उर्वरक और जैविक उत्पाद भी उपलब्ध है. कृषिका के हर सेंटर पर किसान सारथियों की मदद से किसानों को समय-समय पर खेती से सम्बंधित एवं अच्छी उपज की जानकारी देते रहते हैं.

शिवनीश द्विवेदी ( किसान सारथी -कृषिका किसान मार्ट - पश्चिम गॉव ) ने बताया कि किसान उनके द्वारा दिए गए सुझावों को ले कर ही खेती करते हैं. पिछले कुछ महीनों में किसानों का विश्वास कृषिका पर बढ़ गया है. वहीं पंकज शर्मा (किसान सारथी - कृषिका किसान मार्ट - देवाई निज़ामपुर) ने बताया की किसान अभी भी परंपरागत खेती पर ज़ादा विश्वास रखते हैं परन्तु उनको जैविक खेती एवं जीरो बजट खेती की जानकारी समय समय पर मिलने से अब वो भी रासायनिक उत्पादों से हट कर खेती करने में अपना रुझान दिखा रहे हैं .

अंशुमाली द्विवेदी ( प्रबंध निर्देशक - कृषिका) ने बताया की आने वाले समय में कृषिका उत्तरी भारत में भी अपने सेंटर्स खोलने की योजना बना रहा है. इसके साथ ही वह कृषि उत्पाद विक्रेताओं के साथ भी सहभागित करने की एक अनोखी पहल कर रहे  है जहाँ विक्रेताओं को उत्तम उपज के लिए सही उत्पाद एवं बीज मुहैया कराया जायेगा और समय-समय पर अपने विशेषज्ञों एवं सार्थियों द्वारा गोष्ठियों के माध्यम से उचित जानकारी भी प्रदान करवाई जाएगी. कृषिका की इस पहल के पीछे मुख्या उद्देश्य है की किसानों तक कृषि तथा पशु सम्बन्धी सही जानकारी एवं उत्पादों को प्रदान करवाना. ऐसे विक्रेता जो की कृषिका के साथ जुड़ कर आधुनिक एवं परंपरागत खेती में अपना योगदान देना चाहते हैं  और 'सही सलाह यही समाधान' की इस महान सोच को और आगे ले जाना चाहते हैं , कृषिका उनका स्वागत करता है.

वर्तमान में, कृषिका कई ऐसी कंपनियों के साथ जुड़ी हुई हैं जो अपने उत्पादों के माध्यम से किसानों को अच्छी फसल एवं पशुओं की अच्छी सेहत देने का वादा करते हैं.. धानुका एग्री-टेक, घार्दा केमिकल्स, जिवाग्रो, अंकोर सीड्स, टी-स्टैंस एंड कंपनी लिमिटेड, वासुधाश्री बायो-फर्टिलाइज़र और इंडियन इम्यूनोलॉजिकल लिमिटेड उन कुछ बड़े नामों में से हैं जिनके साथ कृषिका ने कृषि उत्पादों के लिए करार किया हुआ है कृषिका की योजना है की भविष्य भी वह और ऐसी कंपनियों और लोगों से जुड़कर के भारत में खेती को एक नए मुकाम पर ले जाएं.

English Summary: Krishika Kisan Mart: A new initiative, a new flight
Published on: 16 November 2021, 04:13 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now