Krishi Yantrikaran Yojana: बिहार में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सरकार की ओर से कृषि यांत्रिकरण योजना के तहत अनुदान दिया जा रहा है. बिहार के उपमुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री, विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को कहा कि राज्य के कुछ जिलों में गेहूं की कटनी आरम्भ हो रही है. यही समय है कि किसान भाई-बहन गेहूं की खूंटी, अवशेष आदि को खेतों में नहीं जलायें, बल्कि उसका उचित प्रबंधन करें.
मंत्री ने कहा कि फसल अवशेष को खेतों में जलाने से मिट्टी का तापमान बढ़ता है. इसके परिणामस्वरूप मिट्टी में उपलब्ध जैविक कार्बन जल कर नष्ट हो जाता है. इसके कारण मिट्टी की उर्वरा-शक्ति कम हो जाती है. साथ ही, मिट्टी का तापमान बढ़ने के कारण मिट्टी में उपलब्ध सूक्ष्म जीवाणु, केंचुआ आदि मर जाते हैं. इनके मिट्टी में रहने से ही मिट्टी जीवंत कहलाता है.
फसल अवशेषों को जलाने से जमीन में उपलब्ध जरूरी पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं, मिट्टी में नाईट्रोजन की कमी हो जाती है, जिसके कारण फसलों का उत्पादन घटता है. मंत्री द्वारा बताया गया कि इसके लिए सभी जिलों में किसानों को प्रशिक्षित एवं जागरूक किया जा रहा है तथा जिन-जिन इलाकों में ऐसी समस्याएं ज्यादा थी, वहां के किसान सलाहकारों एवं कृषि समन्वयकों को यह निर्देश दिया गया है कि वह गांव-गांव जाकर किसानों से मिले तथा उन्हें जागरूक करें.
सभी जिला पदाधिकारियों को भी इसका लगातार अनुश्रवण करने का निर्देश दिया गया है. सभी कृषि महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों को भी इस संबंध में किसानों को प्रशिक्षित करने एवं इसके कुप्रभाव के बारे में जानकारी देने का भी निर्देश दिया गया है.
फसल अवशेष प्रबंधन के लिए अनुदान
मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा कृषि यांत्रिकरण योजना के अंतर्गत किसानों को फसल अवशेष को प्रबंधन करने से संबंधित कृषि यंत्रों जैसे- हैप्पी सीडर, रोटरी मल्चर, स्ट्रॉ बेलर, सुपर सीडर, स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम (एस॰एम॰एस॰), रोटरी सलेशर, जीरो टिलेज/सीड-कम-फर्टिलाईजर, पैडी स्टॉचौपर, आदि यंत्रों पर 75 से 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है.
फसल अवशेष जलाने पर सख्त कार्रवाई
उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जलाने वाले किसानों को अभी डी॰बी॰टी॰ के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत मिलने वाले अनुदान से वंचित किया जा रहा है, अब उन्हें गेहूं अधिप्राप्ति के लाभ से भी वंचित करने की कार्रवाई की जाएगी. बार-बार फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर Cr.P.C के सुसंगत धारा-133 के तहत एवं आवश्यक निरोधात्मक कार्रवाई की जाएगी. इस तरह की कार्रवाई का संदेश आम लोगों तक जाये, जिससे वे खेतों में फसल अवशेष् को न जलायें.
किसानों के लिए वैकल्पिक उपाय
उन्होंने राज्य के किसान भाइयों एवं बहनों से अपील किया कि फसल अवशेषों को खेतों में न जलाकर उसे मिट्टी में मिला दें या उससे वर्मी कम्पोस्ट बनायें अथवा पलवार विधि से खेती करें. ऐसा करने से मिट्टी का स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा एवं फसलों का गुणवत्तापूर्ण तथा अधिक उत्पादन होगा, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी.