Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 10 March, 2023 12:17 PM IST

Kerala: कोच्चि में आईसीएआर-सेंट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टिट्यूट के एर्नाकुलम कृषि विज्ञान केंद्र ने गुणवत्ता वाले चीनी का उत्पादन करने के लिए जिले के अलंगड, करुमल्लूर और नीरीकोड क्षेत्रों में गन्ने की खेती के लिए एक प्रदर्शन इकाई शुरू की है. कृषि विज्ञान केंद्र ने एक हेक्टेयर में गुड़ उत्पादन के उद्देश्य से आईसीएआर-गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयम्बटूर द्वारा जारी गन्ने की किस्म CO86032 लगाई है. कृषि विज्ञान केंद्र अगले दिसंबर में फसल की कटाई तक अलंगड़ के पास एक गुड़ उत्पादन इकाई स्थापित करने की भी योजना बना रहा है.

दिलीप कुमार, आईसीएआर-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-आईआईएसआर), लखनऊ के प्रधान वैज्ञानिक, पिछले 20 वर्षों से गुड़ पर शोध कर रहे हैं, उन्होंने कृषि स्थलों का दौरा किया और किसानों के साथ बातचीत की. उन्होंने गुड़ इकाई की स्थापना के लिए आईसीएआर-आईआईएसआर से प्रौद्योगिकी का आश्वासन भी दिया. डॉ. दिलीप कुमार ने कहा कि क्षेत्र में मौजूद गन्ने की खेती को पुनर्जीवित किया जा सकता है और गुड़ को जीआई-टैग किया जा सकता है.

संचार ने कहा कि जिन खेतों में अभी खेती की जा रही है, उनसे सौ टन गन्ने की उपज की उम्मीद थी. यह लगभग 10 टन गुड़ का उत्पादन करने के लिए पर्याप्त होगा. प्रमुख वैज्ञानिक और एर्नाकुलम में केवीके के प्रमुख शिनोज सुब्रमण्यन ने कहा कि प्रदर्शन फार्म का प्राथमिक उद्देश्य रासायनिक मुक्त गुणवत्ता वाले गुड़ का उत्पादन करना और पारंपरिक अलंगद गुड़ की महिमा को पुनर्जीवित करने के लिए एक ब्रांडेड मार्केटिंग चैनल स्थापित करना है.

ये भी पढ़ेंः गन्ने की खेती के लिए उन्नत कृषि मशीन, खाद-स्प्रे सब कुछ करना होगा सरल

रासायनिक रूप से दूषित गुड़ मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गया है. उन्होंने कहा कि प्रायोगिक पैमाने पर गुड़ इकाई स्थानीय किसानों को फसल को आगे बढ़ाने के लिए विश्वास देगी. गन्ने से कई अन्य मूल्य वर्धित उत्पाद जैसे बोतलबंद जूस, तरल गुड़ और वैक्यूम वाष्पित गुड़ का उत्पादन किया जा सकता है.

English Summary: Krishi Vigyan Kendra launches demonstration unit for sugarcane farming in Ernakulam
Published on: 10 March 2023, 12:24 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now