इस आयोजन के लिए कृषि और संबंधित क्षेत्र के दिग्गजों ने अपना बहुमूल्य योगदान दिया है. जबकि कृषि जागरण, कृषि मंथन-6 के जारी संस्करण के लिए मीडिया पार्टनर के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहा है. इसके अलावा, ITSC, हिमवंशी, FPO, रानी दुर्गावती, करेली ऑर्गेनिक फार्मर्स प्रोड्यूसर्स कंपनी लिमिटेड और कई अन्य संगठन समिट में भाग ले रहे हैं.
सुव्यवस्थित और प्रबंधित कृषि व्यवसाय शिखर सम्मेलन का उद्देश्य किसानों और भाग लेने वाले संगठनों को मूल्य और ज्ञान हस्तांतरित करना है. इसके साथ ही कृषि, कृषि व्यवसाय, खाद्य प्रसंस्करण और कृषि सेवाओं के क्षेत्र में व्यक्तियों के साथ-साथ संस्थागत संगठनों की उत्कृष्टता को "कृषि भूषण पुरस्कार" के साथ सम्मानित करना भी है.
आपको बता दें कि कई वर्षों के दौरान, कार्यक्रम ने बड़ी सफलता हासिल की है. हर साल सैकड़ों किसान और कृषि से जुड़े लोग इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं, जिनमें से कई विभिन्न किसान संगठनों (एफपीओ/एफपीसी) और सहकारी समितियों के बोर्ड सदस्य हैं.
यह कार्यक्रम अपने आप में किसानों के लिए मदद का हाथ बढ़ाता है और उन्हें कृषि से जुड़ी ज्ञान व विशेषज्ञता के साथ लाभान्वित करता है. साथ ही किसानों के लिए व्यापार और बाजार के अवसरों को जोड़ता है. इसके साथ ही किसानों को सहयोग व काम के अवसर, नए उत्पादों व सेवाओं के संपर्क में आने का मौका देता है.
कृषि मंथन के बारे में-
कृषि मंथन का आयोजन एफपीओ/एफपीसी और एसएचजी के साथ अवसरों और ज्ञान को एकीकृत करने के लिए किया जाता है. इसका उद्देश्य उनके व्यवसाय संचालन की स्थिरता को बढ़ाना और उनके उत्पादों, सेवाओं और गतिविधियों के व्यावसायीकरण के माध्यम से उनके आसपास निरंतर आजीविका को बढ़ावा देना है. यह स्टार्टअप्स, एग्रीबिजनेस कंपनियों, रिसर्च इंस्टीट्यूशंस, सीएसआर, पोस्ट-हार्वेस्ट ऑपरेटरों, फूड प्रोसेसिंग कंपनियों, आयुर्वेद संस्थानों, नेचर केयर कंपनियों, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस, रिटेलर्स, एक्सपोर्टर्स, सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ इनोवेटिव बिजनेस मॉडल और वैल्यू चेन लिंकेज आदि का पता लगाने का एक प्लेटफॉर्म है.
कृषि मंथन एक उद्देश्य-आधारित, संगठित और प्रबंधित बी2बी एग्रीबिजनेस समिट है जिसे भाग लेने वाले व्यक्तियों और संगठनों को नवाचारों, व्यापार संबंधों और ज्ञान हस्तांतरण के लिए डिज़ाइन किया गया है. शिखर सम्मेलन की व्यवहार्य सिफारिशों को उपयुक्त तकनीकों का उपयोग करके निष्पादित और प्रबंधित किया जाता है.
अंतर-एफपीओ व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए एफपीओ को अन्य एफपीओ के साथ जोड़ना.
एफपीओ के साथ कृषि-स्टार्टअप और कृषि-व्यवसाय संगठनों की मूल्य श्रृंखला को एकीकृत करना.
एफपीओ के साथ अभिनव व्यापार मॉडल, प्रथाओं और ज्ञान को साझा करना.
सीएसआर, विकास एजेंसियों, फंडिंग संस्थानों आदि जैसे सहायक संगठनों के साथ संबंध.