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Updated on: 8 March, 2020 7:25 PM IST

हर साल की भांति इस साल भी 8 मार्च यानि आज दुनियाभर में ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ मनाया जा रहा है. कृषि जागरण ने भी आज पूरे हर्षोल्लास के साथ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया. इस दौरान कृषि जागरण की पूरी टीम उपस्थित रही. कृषि जागरण की डायरेक्टर शाइनी डॉमिनिक ने कहा, “कृषि जागरण हमेशा से ही महिला किसानों के उत्थान की बात करता आया है और आगे भी करता रहेगा. क्योंकि महिला सशक्तिकरण से ही एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण हो सकता है.” तो वहीं, कृषि जागरण के प्रधान संपादक एम.सी.डॉमिनिक ने #ईच फॉर इक्वल का संदेश देते हुए कहा, “मौजूदा वक्त में महिलाएं हर एक क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं. चाहे वह क्षेत्र कृषि का हो या फिर कोई अन्य. महिलाओं की सहभागिता की वजह से हर एक क्षेत्र में तेजी से उत्थान हो रहा है.” इसके अलावा कृषि जागरण के हेड ऑपरेशन संजय कुमार ने कहा, “ जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहाँ के कृषि में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से 50% योगदान महिलाएं देती हैं. ऐसे में इस बार का अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम #ईच फॉर इक्वल सार्थक हैं. और महिलाओं को वो सभी अधिकार मिलने चाहिए जो पुरुषों के पास हैं.“ तो वहीं, कृषि जागरण के मार्केटिंग प्रेसिडेंट रवींद्र कुमार तेवतिया ने कहाa, “कृषि क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं की एक बड़ी हिस्सेदारी है. वो बुवाई से लेकर कटाई तक का कार्य पूरी लगन और निष्ठा के साथ करती हैं. मौजूद वक्त में यह बहुत जरूरी है कि उनके इस्तेमाल करने योग्य कृषि उपकरण बनाए जाएँ ताकि वो और सुगमता से कृषि कर सकें.” कृषि जागरण के सीनियर वीपी चंद्र मोहन ने कहा, कृषि क्षेत्र में महिलाओं की योगदान को हाशिए पर नहीं रखा जा सकता. कृषि में उनकी सहभागिता के मद्देनज़र ही कृषि जागरण का मार्च अंक महिला सशक्तिकरण पर निकाला गया है और इस अंक में सफल महिला किसानों का जिक्र किया गया है.”

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम #ईच फॉर इक्वल

इस साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस अभियान की थीम #ईच फॉर इक्वल है. इस थीम के पीछे यहीं मंशा है कि समाज में यह संदेश जाए कि पुरुष हो या महिला, सभी एक समान है. कुछ देशों को छोड़ दें तो मौजूदा वक्त में महिलाओं को उनके मौलिक अधिकार, मतदान का अधिकार और शिक्षा का अधिकार प्राप्त है, लेकिन अभी भी बहुत सारी ऐसी महिलाएं है जो अभावों में जिंदगी व्यतीत कर रही हैं. हालांकि हमारे समाज में अब धीरे-धीरे हालात बदल रहे हैं. महिलाएं अब हर एक क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं. चाहे वह कृषि क्षेत्र हो, सिनेमा जगत हो, इंजीनियरिंग या मेडिकल का क्षेत्र हो या फिर कोई अन्य दूसरा क्षेत्र हो.

महिलाओं की सहभागिता की वजह से मौजूदा वक्त में हर एक क्षेत्र में तेजी से उत्थान हो रहा है. अगर दुनियाभर में ग्रामीण महिलाओं का कृषि क्षेत्र में योगदान कि बात करें तो 50% के करीब है. यानी विश्व खाद्य उत्पादन में महिलाओं का एक बड़ा योगदान है. मौजूदा वक्त में बहुत सारी ऐसी महिलाएं हैं जो आधुनिक तरीके से खेती करके लाखों रुपये कमाने के साथ ही अन्य महिलाओं के लिए नजीर पेश कर रही हैं. महिलाओं के इन्हीं योगदानों के मद्देनज़र केंद्र व राज्य सरकारें भी उन्हें अलग- अलग योजनाओं के तहत प्रोत्साहित कर रही हैं.

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day)

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) पहली बार 1909 में मनाया गया था और इसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1975 से मनाना शुरू किया. विश्व के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है. यह दिन यह भी याद दिलाता है कि कैसे महिलाओं ने कई सामाजिक व अन्य बाधाओं को पार करते हुए मुकाम हासिल किए और लगातार कर रही हैं. आज की तारीख में हर क्षेत्र में महिलाएं आगे हैं लेकिन अतीत में ऐसा नहीं था. जिस प्रकार की आजादी आज हम महिलाओं को प्राप्त हुए देखते हैं, वे पहले नहीं थीं. न वे पढ़ पाती हैं न नौकरी कर पाती थीं और न ही उन्हें वोट डालने की आजादी थी.

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत कैसे हुई?

1909: 28 फरवरी को पहली बार अमेरिका में यह दिन सेलिब्रेट किया गया. सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने न्यूयॉर्क में 1908 में गारमेंट वर्कर्स की हड़ताल को सम्मान देने के लिए इस दिन का चयन किया ताकि इस दिन महिलाएं काम के कम घंटे और बेहतर वेतनमान के लिए अपना विरोध और मांग दर्ज करवा सकें.

1913-14: महिला दिवस युद्ध का विरोध करने का प्रतीक बन कर उभरा. रुसी महिलाओं ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस फरवरी माह के आखिरी दिन पर मनाया और पहले विश्व युद्ध का विरोध दर्ज किया. यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां कीं.

1975: यूनाइटेड नेशन्स ने 8 मार्च का दिन सेलिब्रेट करना शुरू किया. 1975 वह पहला साल था जब अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया.

English Summary: Krishi Jagran celebrated 'International Women's Day', gave message of #Each for Equal
Published on: 07 March 2020, 07:28 PM IST

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