कृषि भवन, मीठापुर, पटना स्थित सभागार में आज पौधा संरक्षण परामर्श योजना के अंतर्गत रबी मौसम के लिए कीटनाशी विक्रेताओं का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पटना जिला अंतर्गत विभिन्न प्रखंडों से कुल 25 कीटनाशी विक्रेताओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. प्रमोद कुमार, संयुक्त निदेशक, पौधा संरक्षण, बिहार, पटना द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर देव नाथ प्रसाद, उप निदेशक, पौधा संरक्षण प्रयोगशाला, पटना; मुकेश कुमार, उप निदेशक, पौधा संरक्षण, पटना प्रमंडल; अभिषेक कुमार, सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण तथा राहुल कुमार, सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण, पटना उपस्थित रहे।
प्रशिक्षण सत्र के दौरान सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण, पटना द्वारा रबी फसलों में लगने वाले प्रमुख कीट-व्याधियों एवं खरपतवार के प्रभावी एवं वैज्ञानिक प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी दी गई। वहीं उप निदेशक, पौधा संरक्षण प्रयोगशाला, पटना द्वारा कीटनाशी अधिनियम, 1968 एवं कीटनाशी नियमावली, 1971 की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही कीटनाशी विषाक्तता से बचाव, एंटीडोट के उपयोग तथा प्राथमिक एवं घरेलू उपचार के संबंध में भी मार्गदर्शन प्रदान किया गया।
किसानों के बीच रसायन मुक्त पौधा संरक्षण उपादानों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रशिक्षण में उपस्थित सभी कीटनाशी विक्रेता को पीला चिपचिपा फंदा (येलो स्टीकी ट्रैप ) वितरण किया गया।
सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण (सर्विलेंस) द्वारा कीटनाशी छिड़काव के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों पर विस्तार से चर्चा की गई। उप निदेशक, पौधा संरक्षण, पटना प्रमंडल द्वारा समेकित नाशीजीव प्रबंधन (IPM) की महत्ता एवं इसके व्यावहारिक पहलुओं पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम के अंत में संयुक्त निदेशक, पौधा संरक्षण, पटना द्वारा पौधा संरक्षण विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई तथा ड्रोन के माध्यम से कीटनाशी छिड़काव से होने वाले लाभों को रेखांकित किया गया। उन्होंने सभी कीटनाशी विक्रेताओं को निर्देश दिया कि वे किसानों को विभागीय योजनाओं की जानकारी देकर अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभाएं।