हमारे देश में ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जो चाय पीने के शौकीन होते हैं. ऐसे में उन्हें चाय की महक भी पसंद होती है, अगर आप भी उन लोगों में से एक हैं, तो आने वाले समय में आपकी चाय की प्याली महंगी हो सकती है. दरअसल, जहां भारत दुनिया का सबसे बड़ा चाय उत्पादक देश है. वहीं इसका ज्यादातर उत्पादन असम में होता है.
मगर असम की चाय उत्पादक केंद्र की बॉट लीफ फैक्ट्रियां जल्द ही बंद होने वाली है. ये फैक्ट्रीज, असम के कई जिलों में फैली हुई हैं. बता दें कि चाय बोर्ड की ओर से बेहतरीन ग्रीन टी लीव्स का उत्पादन न होने के कारण फैक्ट्री ने यह कदम उठाने का फैसला लिया है. बता दें कि चाय बोर्ड की अच्छी आपूर्ति न मिलने की वजह से असम की विश्वनाथ जिले में स्थित सभी 22 फैक्ट्रियों पर काफी दिनों से ताला पड़ा हुआ है. ऐसे में बीएलएफ भी छोटे उत्पादकों को सही कीमत नहीं दे पा रहा है. जिससे यहां उत्पादन बहुत प्रभावित हुआ है.
असम चाय का सर्वाधिक उत्पादक राज्य - Assam is the largest producer of tea
असम भारत का सर्वाधिक उत्पादक राज्य होने की वजह से चाय की नगरी माना जाता है. चीन के बाद असम ही दुनियाभर में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण चाय उत्पादक राज्य है. यहां की रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ईरान समेत कई देशों में निर्यात की जाती है. असम में हर साल 50 करोड़ किलोग्राम से ज्यादा चाय का उत्पादन होता है. इसके साथ ही भारत के असम क्षेत्र में लगभग 2 लाख छोटे चाय उत्पादक हैं और वे राज्य के सालाना उत्पादन के क्षेत्र में 50 प्रतिशत का योगदान करते हैं.
इससे पहले वर्ष 2020 में असम में 618.50 मिलियन किलोग्राम चाय का उत्पादन हुआ था. इसमें से 285.19 मिलियन किग्रा का योगदान छोटे चाय उत्पादकों और 333.01 मिलियन किग्रा बड़े चाय उत्पादकों द्वारा किया गया था. लेकिन इस नए मुद्दे ने यहां के निर्माताओं को फिर से परेशान कर दिया है.
सीटीसी विधि – CTC method
सीटीसी चाय को संसाधित करने की एक विधि है, जिसमें चाय की पत्तियां रोलर्स से गुजरती हैं. इन रोलर्स में तेज दांत होते हैं, जो पत्तियों को कुचलते हैं, और कर्ल करते हैं. ऐसा होने से वे छोटे, सख्त छर्रों में बदल जाते हैं.