देश की जनता के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और जीवन सुगमता की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद में वित्त वर्ष 2020-21 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए किसानों की आमदनी दोगुनी करने, बागवानी, अनाज भंडारण, पशुपालन और नीली अर्थव्यस्था को प्रोत्साहित करने पर केन्द्रित 16 सूत्री कार्य योजना की घोषणा की.
किसानों की आमदनी दोगुनी
2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य के साथ वित्तं मंत्री ने अपने बजट भाषण में प्रधानमंत्री कुसुम योजना के दायरे में और 20 लाख किसानों को लाने का प्रस्ताव किया. इसके अलावा 15 लाख अतिरिक्त किसानों को उनके बिजली के पंपों को सौर ऊर्जा चलित बनाने में मदद की जाएगी. किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ने सभी तरह के उर्वरकों के संतुलित इस्तेमाल तथा जीरो बजट प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि वर्षा संचित क्षेत्रों में एकीकृत खेती प्रणाली को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके साथ ही बहुस्तरीय फसल उगाने, मधुमक्खी पालन, सौर पंपों के इस्तेमाल तथा सौर ऊर्जा उत्पादन को भी बढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि जैविक खेती से संबंधित ऑनलाइन राष्ट्रीय पोर्टल को भी मजबूत बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि जल संकट की समस्या से जूझ रहे देश के 100 जिलों में इस समस्या से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किये जाएंगे.
कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास के लिए 16 सूत्री कार्य योजना
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निम्नलिखित 16 सूत्री कार्य योजना के लिए 2.83 लाख करोड़ रुपये का आबंटन
•कृषि, सिंचाई और संबंधित गतिविधियों के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपये.
•ग्रामीण विकास और पंचायती राज के लिए 1.23 लाख करोड़ रुपये.
कृषि ऋण
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2020-21 के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य तय.
• पीएम-किसान लाभार्थियों को केसीसी योजना के तहत लाने का प्रस्ताव.
• नाबार्ड की पुनर्वित्त योजना को और विस्ता़र देना.
नीली अर्थव्यंवस्था
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2024-25 तक मत्स्य निर्यात को एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना.
• 2022-23 तक देश में 200 लाख टन मत्स्य उत्पादन का लक्ष्य.
• 3,477 मित्रों और 500 मत्स्य पालन कृषक संगठनों द्वारा युवाओं को मत्स्य पालन क्षेत्र से जोड़ना.
• शैवालों और समुद्री खरपतवारों की खेती तथा केज कल्चर को प्रोत्सातहित करना.
• समुद्री मत्स्य संसाधनों के विकास प्रबंधन और संरक्षण के लिए फ्रेमवर्क तैयार करना.