कृषि जागरण के 25 साल पूरे होने पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. साथ ही सिल्वर जुबली के उपलक्ष्य में वेबिनार का भी आयोजन हुआ. जिसका विषय था- ग्रोथ ऑफ इंडियन एग्रीकल्चर इन द लास्ट 25 इयर्स एंड प्रोस्पेक्टस फॉर कमिंग 25 इयर्स. इस वेबिनार में कई अतिथि वक्ताओं ने भी हिस्सा लिया कार्यक्रम का सीधा प्रसारण कृषि जागरण के फेसबुक पेज पर किया गया.
MSP पर फसल बेचने के लिए करवाएं रजिस्ट्रेशन
मध्य प्रदेश सरकार ने MSP पर खरीफ फसलों की खरीदी के लिए तैयारी शुरू कर दी है जिसके लिए धान, ज्वार एवं बाजरा खरीद के लिए किसानों को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. जिसकी शुरुआत 15 सितंबर से होगी. यह जानकारी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने दी है.
देश में व्यावसायिक खेती और निर्यात को बढ़ावा देने का नया प्लान
देश में अब व्यावसायिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. बाजरे की प्रोसेसिंग योग्य किस्मों की व्यावसायिक खेती और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एपीडा ( APEDA ) ने भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये है.
आगरा से असम के लिए रवाना होगी किसान रेल
केंद्र सरकार और भारतीय रेलवे किसानों की उपज को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने के लिए किसान रेल चला रही है. इससे किसान अपनी फसल देश के दूसरे हिस्सों में पहुंचा रहे हैं और किसानों को फसलों का अच्छा दाम भी मिल रहा है. इसी कड़ी में उत्तर मध्य रेलवे की पहली किसान रेल आगरा से शुरू हुई, जो यमुना ब्रिज रेलवे स्टेशन से असम के लिए रवाना की गयी.
किसानों को नहीं जलानी पड़ेगी पराली
इस बार पराली से होने वाला प्रदूषण देश के लिए मुख्य मुद्दा ना बने इसके लिए IARI ने फसल अवशेषों को खेतों में ही जलाने के लिए बायो एंजाइम नाम का एक केप्सूल तैयार किया है. जो फसल अवशेषों, को खेतों में ही नष्ट कर देता है. साथ ही पूसा संस्थान ने अगले तीन सालों में पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की इस समस्या को समाप्त करने के लिए 'जलाना नहीं गलाना है' यह नारा भी दिया है.
प्रधानमंत्री अन्नदाता को जल्द दे सकते हैं नया तोहफा
केंद्र सरकार जल्द ही किसानों के हित में एक बड़ा फैसला कर सकती है. इसकी तैयारी बड़े जोर-शोर से चल रही है. लेकिन केंद्र सरकार किसान संगठनों के अड़ियल रुख को देखकर उनसे बातचीत की पहल नहीं करेगी. सरकार किसानों की आय बढ़ाने, उनके खर्चे को कम करने के अन्य स्रोतों पर काम कर रही है. इसमें सबसे प्रमुख स्रोत प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना है. इस योजना के अंतर्गत अब तक 12.4 करोड़ से अधिक किसान पंजीयन करवाकर लाभ ले रहे हैं.
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