भारतीय मौसम विभाग आए दिन किसानों की फसलों की सुरक्षा के लिए एग्रोमेट एडवाइजरी जारी करती रहती है. इसी कड़ी में असम राज्य के लिए मौसम विभाग ने एग्रोमेट एडवाइजरी जारी की है. इसमें अभी चल रहे मौसम को देखते हुए किसानों को जरूरी सलाह दी गई है.
Sali rice (साली चावल)
असम के Sali चावल की खेती करने वाले किसानों को मौसम विभाग ने सलाह देते हुए कहा है कि जैसे-जैसे Sali rice का मौसम नजदीक आ रहा है, किसानों को सलाह दी जाती है कि रोपाई से 21 दिन पहले मुख्य भूमि की जुताई करें ताकि खरपतवार निकल सकें.
इसके साथ ही किसान भाइयों को बारिश के पानी का लाभ लेते हुए नर्सरी बेड की तैयारी जारी रखने का सुझाव दिया गया है.
अधिकांश बीज की क्यारी में बीज बोने से पहले उसका उपचार करना महत्वपूर्ण कार्य है. इसके लिए मैनकोजेब Mancozeb @ 2.5g/kg/liter का पानी के साथ उपयोग कर सकते हैं.
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नर्सरी बेड को भारी वर्षा के प्रतिकूल प्रभाव से बचाने के लिए लिया गया.
Sali rice का मौसम आ रहा है, ऐसे में किसानों को सलाह दी जाती है कि वो जल्दी ही साली चावल के HYV के बीजों जैसे-रंजीत, बहादुर, महसूरी, प्रामाणिक स्रोतों से केतेकिजोहा आदि का संग्रह कर लें.
इसके अलावा बाढ़ संभावित क्षेत्रों के किसानों को भी साली चावल के उपयुक्त बीजों को एकत्र करने का सुझाव दिया गया है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए साली चावल की उपयुक्त किस्में कुछ इस प्रकार हैं-
स्वर्ण सब-1
बहादुर सब-1
रंजीत सब-1
Chilli (मिर्च)
राज्य के कई इलाकों में अभी मिर्च के फलने का स्टेज (Chilli Fruiting stage) चल रहा है. इसलिए पिछले कुछ हफ़्तों से उच्च आर्द्रता के साथ लगातार बारिश के कारण मिर्च के फसलों के फल में सड़न रोग के लक्षण देखे जा सकते हैं. ऐसे में मिर्च की खेती करने वाले किसानों को राज्य मौसम विभाग ने एग्रोमेट एडवाइजरी जारी करते हुए सलाह दिया है कि मिर्च के फलों के रोग के प्रभावी नियंत्रण के लिए Captan 50 WP @ 2g/lit को पानी में मिला कर मिर्च की फसलों पर छिड़काव करें.