कृषि जागरण आए दिन कृषि जागरण चौपाल (KJ Chaupal) का आयोजन करता है. इसमें कृषि से जुड़े गणमान्य व्यक्ति या फिर प्रगतिशील किसान दौरा करने जरूर आते हैं. इसी कड़ी में आज के कृषि जागरण चौपाल (KJ Chaupal) में डॉ. नजीर अहमद गनई ने शिरकत की, जो कि शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (SKUAST) जम्मू के कुलपति (Vice chancellor, VC) हैं.
इस दौरान उन्होंने कृषि में अपने अनुभव और जम्मू में खेती के प्रगति पर प्रकाश डाला. इसके साथ ही हमारे मंच से देश के किसानों को कई महत्वपूर्ण जानकारी से रूबरू करवाया. इस अवसर पर केजे चौपाल में कृषि जागरण के संपादक एम.सी. डोमिनिक और पूरी टीम द्वारा उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया और सम्मान के प्रतीक के रूप में पौधा भेंट किया गया.
केजे चौपाल में बोलते हुए उन्होंने उन मुद्दों के बारे में बात की जो एक भारतीय किसान शुरू से अंत तक खेती करने की प्रक्रिया के दौरान सामना करता है. उन्होंने इस बारे में भी बात की कि कैसे भारतीय किसान कर्ज के जाल में फंस जाते हैं जिससे वे खुद को मारने के लिए मजबूर हो जाते हैं.
उन्होंने कहा कि भारत विविधता से भरा देश है, न केवल सांस्कृतिक रूप से बल्कि विभिन्न राज्यों के मौसम के मामले में भी. डॉ. नजीर ने उल्लेख किया कि लद्दाख में शुष्क क्षेत्र होने की वजह से यहां वनस्पति की कमी है, लेकिन SKUAST शोधकर्ताओं और टीम ने संरक्षित प्रणालियों में सभी प्रकार की फसलों की खेती करके इसे बदल दिया है. उन्होंने कहा कि लद्दाख में खेती में आ रही इस तेजी के परिणामस्वरूप, यह क्षेत्र जल्द ही कृषि उत्पादों का सबसे बड़ा निर्यातक बन कर उभरने वाला है.
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इसके साथ ही SKUAST के कुलपति डॉ. नजीर ने कृषि जागरण के सदस्यों को धन्यवाद दिया और पिछले 2 दशकों से कृषि के क्षेत्र में लगातार किए जा रहे कृषि जागरण के प्रयासों की सराहना की.