Kisan andolan nashik: महाराष्ट्र के किसान राज्य सरकार से नाराज हैं. उन्हें लगता है कि सरकार किसानों के मुद्दे पर गंभीर नहीं है, उन्हें कृषि उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है. रविवार को हजारों मजदूरों ने नासिक से पैदल यात्रा शुरू की है. किसानों का ये मार्च मुंबई आ रहा है. किसान सभा मोर्चा 23 मार्च को मुंबई के विधान भवन पर धरना देगा. किसानों ने विभिन्न समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए ये पैदल मार्च शुरू किया है.
किसानों की प्रमुख मांगे-
प्याज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य
लंबित बिजली बिलों की माफी
कृषि उपज और दुग्ध उत्पादों के लिए उचित मूल्य
पूर्ण ऋण माफी
12 घंटे की दैनिक बिजली आपूर्ति
वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के कार्यान्वयन में देरी
आदिवासियों के संकट को दूर करना
किसानों ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानीजाएंगी, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.
अखिल भारतीय किसान सभा कर रहा प्रदर्शन का नेतृत्व
अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) द्वारा विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया जा रहा है. इस विरोध प्रदर्शन में 17 सूत्री मांगें हैं, जिसमें प्याज, कपास, सोयाबीन, अरहर, हरा चना, दूध और हिरदा के लिए लाभकारी मूल्य शामिल हैं. नासिक जिले के डिंडोरी से रविवार को शुरू हुए किसानों के मार्च में ज्यादातर भूमिहीन मजदूर और आदिवासी शामिल हैं.
बता दें कि मंगलवापर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस किसानों से मिलने वाले थे. लेकिन राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने के मद्देनजर बैठक को रद्द कर दिया गया था.
किसान आंदोलन को पूरे प्रदेश में किया जायेगा तेज
किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रही अखिल भारतीय किसान सभा की महाराष्ट्र इकाई के महासचिव डॉ. अजीत नवले ने कहा है कि प्रदेशभर में आंदोलन को तेज करने का समय आ गया है. उन्होंने नासिक जिले में कहा, "अगर सरकार हमारी बात नहीं सुनना चाहती है, तो हमें मुंबई-गुजरात राजमार्ग को बाधित करना पड़ सकता है, तभी सरकार शायद सुन सकती है."
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बता दें कि नासिक से 2018 के बाद से यह इस तरह का तीसरा आंदोलन है जिसमें किसान 170 किलोमीटर पैदल चलकर राजधानी मुंबई आएंगे.