सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ में तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी "कृषि कुम्भ” के द्वितीय दिवस के अवसर पर किसान मेले का उद्घाटन डा. संजीव कुमार बालियान, राज्यमंत्री, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी, भारत सरकार के कर कमलो द्वारा कुलपति, डा.के.के. सिंह की मौजूदगी में किया गया.
मेले के मुख्य पण्डाल में डा. संजीव बालियान ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार को किसानों के हित की चिंता है इसलिए उनके हित को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठाये गये है. किसानों के लिए पहले 21 हजार करोड़ धन आवंटित किया जाता था जो अब बढाकर 1 लाख 35 हजार करोड़ रूपये खर्च कर रही हैं. सरकार द्वारा शत प्रतिशत वैक्सीनेशन का कार्य फ्री कराया जा रहा है.
ए.आई. का कार्य भी वर्तमान सरकार ने फ्री कर दिया है जिससे पशुपालन को बढ़ावा मिल सके. उन्होंने कहा कि किसानों को गन्ने की फसल के साथ सहफसली खेती करनी चाहिए साथ ही सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई का प्रयोग करना चाहिए जिससे लगभग 25 प्रतिशत पानी की बचत हो सकेगी. उन्होंने कहा कि हमारा किसान बहुत समझदार और नई तकनीकों को अपनाने वाला है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश का किसान वैज्ञानिक खेती करता है.
मेले में वैज्ञानिक किसान से आकर सीखे और इस वैज्ञानिक ज्ञान को अपने खेतों में अपनाएंगे तो उसका लाभ किसानों को मिलेगा. किसान मेले में तकनीकी का प्रदर्शन किया गया है, किसान और वैज्ञानिक मिलकर उत्पादकता ओर बढ़ा सकते है. वैज्ञानिक किसानों के खेतों पर जाय और उनकों नवीनतम तकनीकी के बारे में जानकारी दे जिससे उनको अधिक से अधिक लाभ मिल सकें. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को अच्छी प्रजाति को विकसित करने के लिए शोध करना होगा तभी किसानों को लाभ मिल सकता है.
डा. संजीव बालियान ने कहा कि वैज्ञानिक अच्छी प्रजाति निकालें, किसान हित में शोध करें, लैब या पेपर पब्लिकेशन पर अधिक ध्यान न दें. अनुसंधान वहीं अच्छा है जो किसान के खेतों पर दिखाई दे. उन्होंने डॉ. बक्शीराम द्वारा विकसित गन्ने की 238 प्रजाति का जिक्र करते हुए कहा कि इस प्रजाति से गन्ने की रिकवरी बढकर 12.5 प्रतिशत तक हो गई है जो कि पहले 9 प्रतिशत थी इससे किसान और मिल मालिकों दोनों को लाभ हुआ. भारत सरकार ने रॉ शुगर पर इम्पोर्ट ड्यूटी 100 प्रतिशत कर दी है जिससे भारत में चीनी का आयात रूका और हमारे देश से 100 लाख टन चीनी निर्यात की गयी हैं. हमारे देश में इथेनोल का उत्पादन भी लगातार बढ़ रहा है. वर्ष 2014 में पैट्रोल में 3 प्रतिशत तक इथेनोल मिलाया जाता है जोकि वर्तमान सरकार ने बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया है. भारत सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2025 तक 20 प्रतिशत पैट्रोल में इथेनोल का मिलाया जाय. डा. संजीव बालियान ने कहा कि आने वाले समय में भारत सरकार की कोशिश है कि 100 प्रतिशत इथेनोल से ट्रैक्टर चल सके इस प्रकार की तकनीक का विकास किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इनविट्रो फर्टिलाइजेशन (आई०वी०एम०) का प्रोजेक्ट बनाकर विश्वविद्यालय सरकार को भेजे जिससे पशुचिकित्सा महाविद्यालय को ये परियोजना दी जा सके, जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पशुपालकों को लाभ मिलेगा. इस परियोजना के अन्तर्गत ऐसी व्यवस्था होगी जिसमें 90 प्रतिशत तक बछिया ही पैदा होगी.
कुलपति, डा. के.के. सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस मेले में अलग-अलग थीम के स्टाल लगाये गये है जिसमें फसल अवशेष प्रबंधन, मोटे अनाज की खेती बाडी, प्राकृतिक खेती एवं विभिन्न प्रकार के पेस्टिसाइड, बीज, लघु एवं सीमांत किसानों के लिए कृषि यंत्रों की जानकारी दी जा रही है. कुलपति, डा. के.के. सिंह ने कहा कि फसल अवशेष को जलाना नहीं चाहिए इससे मिट्टी की गुणवत्ता प्रभावित होती, प्राकृतिक खेती को बढावा दे जिससे कृषि में लागत कम आयेगी और गुणवत्तायुक्त अनाज प्राप्त होगा. उन्होंने कहा कि मोटा अनाज हमारी थाली से कम हो रहा है इस लिए पोषणयुक्त थाली में मोटे अनाजों का भी समावेश करना होगा. उन्होंने कहा कि ड्रोन का खेती में काफी उपयोगिता है जिससे किसानों को लाभ होगा.
क्रिस्टल ग्रुप के अध्यक्ष एन.के. अग्रवाल ने कहा कि गॉव व शहर का बहुत गहरा नाता है. किसान शहर को सब कुछ देता है और शहर से अपेक्षा करता है कि वो किसान का सहयोग करें. उन्होंने कहा कि गन्ने में रेड रोट (लाल सडन रोग) की बीमारी बहुत तेजी से फैल रही है इसका समाधान किया जा रहा है और एक वर्ष के अन्दर इस समस्या के निदान के लिए दवाई बाजार में दिखाई देगी.
सुनील भराला, पूर्व श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि भारत सरकार किसान के उत्थान के लिए कार्य कर रही है, प्रधानमंत्री मोदी ने किसान निधि को किसानों तक पहुँचाने का कार्य किया है. किसान मेले में आकर किसान उत्साहित होते है और तकनीकी ज्ञान को लेकर अपने खेतों पर फसल उत्पादन लेते है जिससे उनकी उत्पादकता बढ़ती है.
विमल शर्मा, भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कुछ परिवर्तन के लिए खोज बहुत जरूरी है. कृषि वैज्ञानिकों के कारण ही कृषि में क्रांति आयी है और कोरोना काल में भी 80 करोड़ लोगों को अन्न उपलब्ध कराने का कार्य किसान भाईयों ने ही किया है. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक नई प्रजाति को विकसित करने का कार्य कर रहे हैं. वह अद्भुत और सराहनीय है अब गुणवत्ता के साथ पोष्टिकता पर भी कार्य होना चाहिए. उन्होंने कहा कि 4. से 5. वर्ष पहले जो अनाज में स्वाद था उसको वापस लाना होगा और ये प्राकृतिक खेती से ही सम्भव है. उन्होंने किसानों के खेतों पर गोष्ठी करने का सुझाव दिया और कहा कि इससे किसान लाभान्वित होगें और तकनीकी ज्ञान को अपना सकेंगे.
निदेशक प्रसार, डा. पी.के. सिंह ने बताया कि कल किसान मेला का समापन समारोह आयोजित किया जायेगा. जिसके मुख्य अतिथि श्री बलदेव सिंह औलख, राज्यमंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, उत्तर प्रदेश रहेंगे. किसान मेले में दूसरे दिन लगभग 6600 से अधिक किसानों ने भाग लिया लगभग 3000 किसानों ने पंजीकरण उपरान्त निःशुल्क तकनीकी साहित्य प्राप्त किया.
इस बार मेला में हंस इंजीनियरिंग, बासमती निर्यात विकास प्रतिस्थान, बी.के.टी., महीन्द्रा ट्रैक्टर, क्रिस्टल फास्फेट, बायर क्रॉप साइंस, दयाल फर्टिलाइजर, चम्बल फर्टिलाइजर, इफको, क्रभको, इन्डोरामा, गंगोल दुग्ध समिति, गोयल वैट फार्मा, टिनेटा फार्मा, कृषि महाविद्यालय, पशुचिकित्सा महाविद्यालय, जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, उद्यान महाविद्यालय, तकनीकी महाविद्यालय, पोस्ट हार्वेस्ट महाविद्यालय में भी अपने स्टाल के माध्यम से तकनीकी ज्ञान का प्रसार किया.
भारी मात्रा में किसानों ने खरीदा बीज
किसान मेले में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आये किसानों ने गेहूं, सरसों, चना तथा विभिन्न फसलों के बीज भारी मात्रा में खरीदें. कृषि विश्वविद्यालय के बीज विक्रय केन्द्र के स्टाल पर काफी संख्या में किसान उपस्थित रहे. किसानों ने प्राकृतिक खेती, मोटे अनाज की खेती, ड्रोन तकनीक के बारे में जानकारी हासिल की. कृष्णा पिकल्स के स्टाल से लोगो ने काफी मात्रा में फल परिरक्षित पदार्थों को खरीदा. वही फल-फूल, शाक भाजी प्रदर्शनी भी आकर्षण का केन्द्र रही. आकाशवाणी नजीबाबाद के कलाकारों द्वारा रागिनी कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
डॉग शॉ का भी हुआ आयोजन
किसान मेले में डॉग शॉ का आयोजन किया गया जिसमें काफी संख्या में विभिन्न प्रजातियों के श्वान ने भाग लिया. डा. अमित कुमार, प्राध्यापक, पशुचिकित्सा महाविद्यालय ने बताया कि इस शॉ में दक्ष मोदीपुरम का पप्पी, मंदीप दौराला, मार्सल मेल, रोट वीलर, नीरज दौराला का राजा, लैबराडोर जाति के डॉग मेले के ऑवर ऑल चैंपियन रहें. अधिष्ठाता पशुचिकित्सा महाविद्यालय, डा. राजीव सिंह ने बताया कि डा. प्रीत पाल, नोएडा, डा. आर०पी० सिंह, डा. दिनेश तोमर, डा. सुमित महाजन, मेजर एम्पटी कुरियन, आर०वी०सी० निर्णायक मण्डल के सदस्य रहे.
इस अवसर पर कुलसचिव, डा. बी.आर. सिंह, निदेशक शोध, डा. अनिल सिरोही, अधिष्ठाता, कृषि, डा. विवेक धामा, अधिष्ठाता, पशुचिकित्सा महाविद्यालय, डा. राजीव सिंह, अधिष्ठाता, पोस्ट हार्वेस्ट टैक्नोलोजी, डा. पूरन चन्द, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर, डा. रामजी सिंह, अधिष्ठाता जैव प्रौद्योगिकी, डा. रविन्द्र कुमार, डा. आर.एस. सेंगर, प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष डा. सतेन्द्र कुमार, डा. मुकेश कुमार, डा. पी.के. सिंह, डा. एस.के. त्रिपाठी, डा. हरिओम कटियार, डा. एस.के. लोधीआदि मौजूद रहे.