Kisan Diwas 2024: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर "सतत् खाद्य सुरक्षा एवं जलवायु अनुकूल कृषि हेतु कुशल समाधान" विषय पर एक विशेष कृषक-वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में नौबतपुर प्रखंड के चिरिओरा, बदीपुर और आजादपुर गांव के 15 किसानों ने भाग लिया.
राष्ट्रीय किसान दिवस का महत्व
हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है. यह दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जो किसानों के हित के लिए समर्पित थे.
कार्यक्रम की मुख्य झलकियां
- कार्यक्रम की शुरुआत किसानों के पंजीकरण से हुई.
- डॉ. धीरज कुमार सिंह (वरिष्ठ वैज्ञानिक, कृषि विस्तार) ने स्वागत भाषण और कार्यक्रम का परिचय दिया.
- डॉ. संजीव कुमार (विभागाध्यक्ष, फसल अनुसंधान) ने समेकित कृषि प्रणाली द्वारा खाद्य सुरक्षा पर चर्चा की.
- डॉ. अमिताभ डे ने पशुधन के महत्व और खाद्य एवं पोषण सुरक्षा पर प्रकाश डाला.
- डॉ. उज्ज्वल कुमार (विभागाध्यक्ष, सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार) ने किसानों को जलवायु अनुकूल कृषि के फायदे समझाए.
पैनल चर्चा और निदेशक का संबोधन
कार्यक्रम में विशेषज्ञों की पैनल चर्चा आयोजित की गई, जहां सभी विभागाध्यक्षों ने किसानों के सवालों के जवाब दिए. संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. आशुतोष उपाध्याय ने किसानों को खेत खाली न छोड़ने, समेकित कृषि प्रणाली अपनाने और मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर संतुलित उर्वरक उपयोग की सलाह दी.
प्रक्षेत्र भ्रमण
कार्यक्रम के बाद अभिषेक कुमार (प्रक्षेत्र प्रबंधक) के नेतृत्व में किसानों को प्रक्षेत्र भ्रमण कराया गया. उन्होंने उन्नत कृषि तकनीकों का प्रदर्शन किया और किसानों को नई तकनीकों को समझने का अवसर दिया.
कार्यक्रम का उद्देश्य
राष्ट्रीय किसान दिवस का उद्देश्य किसानों की कठिनाइयों को समझना, उनके योगदान का सम्मान करना और उनके कल्याण के लिए नई योजनाओं और तकनीकों को बढ़ावा देना है. यह कार्यक्रम किसानों के लिए नई कृषि पद्धतियों और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल समाधान अपनाने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम साबित हुआ. कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास के मार्गदर्शन में किया गया.