Kisan Diwas 2024: हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाया जाता है. यह दिन विशेष रूप से भारत के किसानों को समर्पित है, जो देश की अर्थव्यवस्था और खाद्य सुरक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं. किसान दिवस के अवसर पर पूरे देश में किसान सम्मेलन, जागरूकता कार्यक्रम और विशेष आयोजन होते हैं. इसका उद्देश्य किसानों की समस्याओं को पहचानना और उनके समाधान के लिए प्रयास करना है.
वही, कृषि जागरण भी देश के किसानों के संघर्ष को सम्मानित और उनकी कहानी दुनिया के सामने लाने के लिए MFOI जैसे कई बड़े कार्यक्रम आय़ोजित करता है.
किसान दिवस क्यों मनाया जाता है?
23 दिसंबर को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्मदिन होता है. उन्होंने अपने पूरे जीवन में किसानों के उत्थान के लिए काम किया और उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए लोकहितकारी योजनाओं को लागू किया. चौधरी चरण सिंह ने किसानों के अधिकारों और उनकी समृद्धि के लिए कई नीतियां बनाई. 2001 से हर साल उनके जन्मदिन को किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है.
किसानों का योगदान
भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है, और यहां की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका है.
- किसान अनाज, फल, सब्जियों और अन्य कृषि उत्पादों का उत्पादन करके देश को आत्मनिर्भर बनाते हैं.
- उनकी मेहनत और लगन देश की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करती है.
- भारतीय किसानों ने कई चुनौतियों का सामना करते हुए देश की समृद्धि में योगदान दिया है.
किसानों की समस्याएं
किसान अपनी फसलों की अच्छी पैदावार के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
- जलवायु परिवर्तन: अनियमित मौसम और प्राकृतिक आपदाओं का असर फसलों पर पड़ता है.
- मिट्टी की उर्वरता में कमी: अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता प्रभावित होती है.
- संसाधनों की कमी: आधुनिक तकनीकों और उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की अनुपलब्धता.
- विपणन की समस्या: किसानों को अपनी फसल के लिए सही बाजार और उचित दाम नहीं मिल पाते.
किसान दिवस का महत्व
किसान दिवस हमें किसानों की अहमियत और उनके योगदान को याद करने का अवसर देता है. इस दिन कई सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं.
- किसानों को नई तकनीकों और आधुनिक कृषि तरीकों की जानकारी दी जाती है.
- जलवायु परिवर्तन और मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने के उपायों पर चर्चा होती है.
- किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नए कार्यक्रम और नीतियां बनाई जाती हैं.
आत्मनिर्भर किसान की ओर कदम
किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार और समाज को मिलकर काम करना होगा.
- उन्हें नई कृषि तकनीकों और आधुनिक उपकरणों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा.
- सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी.
- किसानों को सही बाजार उपलब्ध कराने और उनकी आय बढ़ाने के प्रयास करने होंगे.