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Updated on: 15 August, 2020 5:24 PM IST

भारत एक ओर जहां खेती के लिए दुनियाभर में मशहूर है वहीं, दूसरी तरफ पशुपालन भी इसका अभिन्न अंग रहा है. देश के किसानों के लिए हमेशा से ही खेती जितना महत्वपूर्ण रहा है उतना ही महत्वपूर्ण पशुपालन भी रहा है. अगर मौजूदा वक्त में भारत में पशुपालन व्यवसाय की बात करें तो पशुधन गणना-2012 की तुलना में 4.6 प्रतिशत अधिक है. जोकि यह दर्शाता है कि भारत में अभी भी पशुपालकों में पशुपालन का क्रेज है और पशुपालन व्यवसाय से वो अच्छा लाभ अर्जित कर रहें है. किसानों के लिए पशुपालन मुनाफा देने वाला व्यवसाय है. किसानों के लिए पशुपालन एक ऐसा व्यवसाय माना जाता है जिसमें घाटा होने की संभावना बेहद कम होती है.

किसान क्रेडिट लिमिट स्कीम

मौजूदा वक्त में पशुपालन में आज कई नई वैज्ञानिक पद्धतियां विकसित हो गई हैं जोकि किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित हो रही है. इसी के मद्देनज़र पंजाब सरकार पशुपालकों के लिए किसान क्रेडिट लिमिट स्कीम लायी है. दरअसल पंजाब के पशु पालक भी अब खेती करने वाले किसानों की तरह किसान क्रेडिट लिमिट बना सकेंगे. 30 जून को जारी बयान में पशु पालन, मछली पालन और डेयरी विकास मंत्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने बताया कि अब पशु पालन के पेशे से जुड़े किसानों को अपने कारोबार में होने वाले दैनिक खर्चे, जैसे पशुओं की खुराक, दवाएं, मजदूरी, बिजली पानी के बिलों आदि के लिए बहुत ही कम दरों पर बैंक लिमिट की सुविधा की शुरुआत की है.

3 लाख रुपये की राशि 4 प्रतिशत ब्याज पर

इसके अलावा प्रत्येक पशु पालक अपनी सुविधा के मुताबिक यह लिमिट बना सकता है. इस स्कीम के अंतर्गत पशु पालक को प्रति परिवार 3 लाख रुपये की राशि 4 प्रतिशत ब्याज पर बैंकों से दिलाई जाएगी. प्रति पशु लिमिट की राशि भी निर्धारित कर दी गई है, जो कि भैंस और विलायती गाय के लिए 61,467 रुपये, देसी गाय के लिए 43018, भेड़-बकरी के लिए 2032, मादा सुअर के लिए 8169, बॉयलर के लिए 161 और अंडे देने वाली मुर्गी के लिए 630 रुपये प्रति पशु प्रति 6 महीने के लिए है.

English Summary: Kisan Credit Limit Scheme starts: Rs. 61,467 for buffalo and vilayati cow and Rs. 43018 for desi cow
Published on: 15 August 2020, 05:28 PM IST

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