पैसे के अभाव में किसानों को खेती करने के दौरान किसी भी तरह की असुविधा न हो इसके लिए राज्य व केंद्र सरकार दोनों ही किसान हित में योजनाएं लाती रहती है. इसी क्रम में किसानों को अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम (PM-Kisan samman nidhi scheme) के साथ-साथ कई और फायदे देने की कवायद शुरू हो गई है. दरअसल केंद्र सरकार ने पीएम किसान’ के लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड(Kishan Credit Card) जारी करने के लिए 15 दिन का विशेष अभियान शुरू किया है. अगले 15 दिन तक सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए जाएंगे.
नाबार्ड के चेयरमैन ने जारी किया निर्देश
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत एक कार्ड बनता है. इसके जरिए 3 लाख रुपये तक का कर्ज फसल के लिए लिया जा सकता हैं. ये कर्ज 7 प्रतिशत की दर से मिलता है, जिसे समय पर जमा करने पर 3 फीसदी तक ब्याज की छूट भी मिलती है. इस तरह से किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड पर केवल 4 प्रतिशत की दर से ही ब्याज चुकाना पड़ता है. यह अभियान 10 फरवरी, 2020 से शुरू हो गया है और इसे 15 दिनों तक चलाया जाएगा. इस संबंध में विस्तृत निर्देश सभी राज्यों /केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों, सभी बैंकों के प्रबंध निदेशकों और नाबार्ड के चेयरमैन को जारी किए जा चुके हैं जिनमें केसीसी के तहत पीएम-किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों को कवर करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का विस्तृसत विवरण दिया गया है.
किसानों को अगले 15 दिन तक मिलेगी खास सुविधा
जिनके पास पहले से किसान क्रेडिट कार्ड हैं, वे अपनी लिमिट बढ़वा सकते हैं. जिन किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड निष्क्रिय है, वे अपनी बैंक शाखा में जाकर उन्हें सक्रिय करवा सकते है. जिन किसानों के पास यह सुविधा नहीं है, वे अपनी जमीन की जमाबंदी और फसल ब्योरे के साथ अपनी बैंक शाखा में जाकर नया कार्ड बनवा सकते हैं.
आवेदन में आसानी के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं
फार्म सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) के साथ-साथ भारत सरकार के कृषि विभाग, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग की वेबसाइट (www.agricoop.gov.in) और पीएम-किसान पोर्टल (www.pmkisan.gov.in) से भी डाउनलोड किया जा सकता है. इसके अलावा कॉमन सर्विस सेंटरों (सीएससी) को फॉर्म भरने और संबंधित बैंक शाखाओं में भेजने के लिए अधिकृत किया गया है.
कितना कर्ज बांटेगी मोदी सरकार
मोदी सरकार का दावा है कि लगातार तीन साल से कृषि कर्ज टारगेट से अधिक दिया जा रहा है. इसलिए 2020-2021 के बजट में सरकार ने इसे बढ़ाकर 15 लाख करोड़ रुपये कर दिया है. सरकार चाहती है कि किसान साहूकारों से मोटी रकम पर कर्ज लेने के लिए मजबूर न हों. वो सरकारी संस्थाओं से लोन लें.