Kisan Andolan Reason: एक बार फिर से देश में किसान आंदोलन शुरु हो गया है. दरअसल, किसानों का संगठन पंजाब से दिल्ली कूच के लिए रवाना हो चुका है. किसानों ने 13 फरवरी, मगंलवार के दिन दिल्ली चलो मार्च का ऐलान किया है. ताकि वह अपने मांगे सरकार के समक्ष रख सकें. देखा जाए तो दिल्ली के बॉर्डर पर कई किसानों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है, जिसके चलते दिल्ली प्रशासन के द्वारा रविवार के दिन राष्ट्रीय राजधानी में धारा 144 को लागू कर दिया है, जो कि अगले महीने यानी की 11 मार्च तक प्रभावित रह सकती है. दिल्ली में कड़ी सुरक्षा के चलते बॉर्डर को पुलिस के द्वारा पूरी तरह से सील कर दिया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की सीमाओं पर करीब 5000 से भी कहीं अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है और साथ ही पुलिस की चौकसी व बैरिकेडिंग को बढ़ा दिया गया है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने 16 फरवरी को एक दिन का भारत बंद करने का किया आह्वान
किसानों के दो बड़े संगठनों, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनैतिक) और किसान मज़दूर मोर्चा ने अपनी मांगों को लेकर 13 फरवरी को 'दिल्ली चलो’ का नारा दिया है. वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने 16 फरवरी को एक दिन का ग्रामीण भारत बंद करने का आह्वान किया है. इसके मद्देनजर ‘कृषि जागरण’ ने संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ राष्ट्रीय नेता चौधरी युद्धवीर सिंह बात कर जानने की कोशिश की कि संयुक्त किसान मोर्चा का 13 फरवरी को होने वाले किसान आंदोलन पर क्या मत है? इस पर उन्होंने कहा, “हम सभी एक ही मांगों के लिए सरकार से लड़ रहे हैं. बस फर्क इतना है कि हम दोनों का विरोध करने का तरीका अलग-अलग है, लेकिन मांग एक ही है. उन्होंने आगे कहा अगर हमसे आंदोलन में सहयोग मांगते हैं, तो हम जरूर उनकी मदद करेंगे. वैसे अभी तक उन्होंने किसी भी तरह के हमसे सहयोग नहीं मांगा है."
किसान आंदोलन 2.0 को लेकर किसानों की मांगे
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सरकार के द्वारा सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी का कानून बनाया जाए.
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सरकार किसानों और मजदूरों की कर्जमाफी के लिए योजना को लागू करें.
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देशभर में भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को एक बार फिर से लागू किया जाये. साथ ही किसानों को लिखित सहमति सुनिच्श्रित और कलेक्टर दर सो 4 गुना मुआवजा दिया जाए.
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लखीमपुर खीरी नरसंहार के अफराधियों को जल्द सजा दी जाए और प्रभावित किसानों को न्याय मिलें.
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विश्व व्यापार संगठन से हटें और सभी मुक्त व्यापार समझौतें पर प्रतिबंध करें.
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किसानों और खेतिहार मजदूरों को पेंशन की सुविधा उपलब्ध करवाएं.
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दिल्ली आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को आर्थिक मदद व मुआवजे के साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दें.
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बिजली संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए.
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किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए.
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सरकार नकली कीटनाशक, बीज और उर्वरक बनाने वाली कंपनी पर जुर्माना लगाए और साथ ही उनके ऊपर सख्त कार्रवाई करें.
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मिर्च, हल्की और अन्य मसालों के लिए सरकार एक राष्ट्रीय आयोग का गठन करें.