राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से किसानों की हुंकार देखने को मिल सकती है. दरअसल, किसानों ने 13 फरवरी के दिन दिल्ली में कुच करने का ऐलान किया है. अनुमान है कि दिल्ली में एक बार फिर से किसान आंदोलन हो सकता है. इसी के चलते दिल्ली पुलिस ने दिल्ली से सटे राज्यों की सीमा जैसे कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सीमाओं पर पुलिस की सुरक्षा को और अधिक बढ़ा दिया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की सीमाओं पर करीब 5000 से भी कहीं अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है.
देखा जाए तो पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने भी अपनी सुरक्षा को बढ़ा दिया है. ताकि फिर से साल 2020 वाले किसान आंदोलन की स्थिति न बन सके. बताया जा रहा है कि हरियाणा पुलिस ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की करीब 50 कंपनियां तैनात की हैं.
13 फरवरी को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन का आह्वान
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) वाले कानून को लेकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसान संगठनों ने 13 फरवरी, 2024 के दिन विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के द्वारा 13 फरवरी को 'दिल्ली चलो' मार्च का ऐलान किया है. अनुमान है कि इस मार्च में करीब 200 से भी अधिक किसान यूनियन हिस्सा ले सकते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली की सीमाएं एक बार फिर से सील की जा सकती है. ताकि किसान यूनियन दिल्ली में न प्रवेश कर सके.
बता दें कि गुरुवार के दिन दिल्ली-NCR के इलाकों में किसानों को रोकने के लिए नोएडा पुलिस और दिल्ली पुलिस की तरफ से बोर्ड पर बैरिकेड लगाए गए थे. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ग्रेटर नोएडा में लगभग 100 गांवों के हजारों किसान ने सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया और साथ ही भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के सदस्यों ने स्थानीय प्राधिकरण कार्यालय के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया.
हरियाणा पुलिस ने बॉर्डर पर केंद्रीय बलों की 50 कंपनियां की तैनात
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा पुलिस ने दिल्ली सटे बॉर्डर पर केंद्रीय बलों की करीब 50 कंपनियां तैनात की गई है. ताकि किसान विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाकर कानून व्यवस्था को बनाए रखा जा सके. इसी कड़ी में हरियाणा पुलिस के द्वारा पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं.
वहीं, हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा, "किसानों के दिल्ली चलो मार्च को रोकने और कानून व्यवस्था को बनाने रखने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. राज्य में किसी को भी शांति भंग करने की इजाजत नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि हम अपने राज्य में शांति को बनाए रखेंगे और इसे किसी भी तरह से बाधित नहीं होने देंगे."
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क्या है किसानों की मांगे?
13 फरवरी को दिल्ली चलो मार्च को लेकर किसानों की मांगे हैं कि सरकार MSP के कानूनी गारंटी, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसान और खेतिहर मजदूरों की पेंशन, कृषि ऋण माफी और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय मिले.