केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत खरीफ सीजन में अधिकतम किसानों को जोड़ने के उद्देश्य से 16 से 30 अगस्त 2025 तक विशेष अभियान चलाने की घोषणा की है. इस अभियान का उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा कवच प्रदान करना है. उन्होंने इस संबंध में आज बैंकों और राज्य सरकारों के साथ वर्चुअल बैठक की, जिसमें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) से जुड़ी स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं को अधिक ऋण प्रदान करने पर भी ज़ोर दिया गया.
शिवराज सिंह ने बैंकों को निर्देश दिए कि वे महिलाओं को लोन देने पर विशेष ध्यान दें और ग्रामीण, दूरस्थ क्षेत्रों में भी पहुंच बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के निर्माण के संकल्प का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें किसान और ग्रामीण महिलाएं मुख्य भूमिका निभा रही हैं.
कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़: शिवराज सिंह
शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में कहा कि भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और तीसरी बनने की ओर अग्रसर है. इस प्रगति में कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय की अहम भूमिका है. उन्होंने कहा कि जैसे गांवों के बिना भारत अधूरा है, वैसे ही खेती के बिना देश की पहचान अधूरी है. किसान हमारे देश की आत्मा हैं और मोदी सरकार पूरी तरह से किसान कल्याण और महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है.
बैंकों की सराहना, लेकिन और प्रयास की ज़रूरत
मंत्री ने बैंकों को बधाई देते हुए कहा कि NRLM के तहत बने 90.9 लाख SHG से 10 करोड़ से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हैं और अब तक 11 लाख करोड़ रुपये का लोन इन्हें दिया जा चुका है. उन्होंने कहा कि "लखपति दीदी" अभियान के तहत 3 करोड़ महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, जिसमें अब तक डेढ़ करोड़ का आंकड़ा पार हो चुका है. हालांकि कुछ राज्यों और जिलों में प्रदर्शन कमजोर है, वहां बैंकों और सरकारों को और बेहतर प्रयास करने की आवश्यकता है.
वित्तीय समावेशन और व्यक्तिगत ऋण पर ज़ोर
शिवराज सिंह ने कहा कि SHG के साथ-साथ व्यक्तिगत ऋण पर भी ध्यान देना होगा, ताकि महिलाएं सशक्त बन सकें. उन्होंने बैंकों से कहा कि केवल कागजी कार्रवाई के नाम पर किसानों और बहनों को परेशान न किया जाए. उन्होंने बताया कि SHG की बहनें इतनी ईमानदारी से काम कर रही हैं कि उनके NPA मात्र 0.7% के आसपास हैं.
कृषि ऋण में बड़ी बढ़त, लेकिन सुधार की ज़रूरत
मंत्री ने कहा कि 2013-14 में जहां संस्थागत कृषि ऋण ₹7.3 लाख करोड़ था, वह 2023-24 में बढ़कर ₹25.49 लाख करोड़ हो गया है. किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के ज़रिए दिया गया ऋण भी ₹10.25 लाख करोड़ पार कर चुका है. NPA की दर भी 2019 में 8.9% से घटकर 2023 में 2.2% हो गई है. लेकिन अभी भी कई बैंक, विशेषकर ₹2 लाख से कम के लोन पर कोलेटरल और सिविल स्कोर मांगते हैं, जो किसानों के लिए परेशानी का कारण है.
बिजनेस कॉरसपोंडेंट सखी और महिला उद्यमिता को बढ़ावा
शिवराज सिंह ने जानकारी दी कि अब तक 1.44 लाख बिजनेस कॉरसपोंडेंट (बीसी) सखियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है और जल्द ही सभी की नियुक्ति की जाएगी. उन्होंने बैंकों से अपील की कि वे महिला उद्यमियों को आसानी से लोन दें और "लखपति दीदी" के सपने को साकार करने में पूरा सहयोग करें.