केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को अपने आवास पर एक नए तरह के पेंट (रंग) को लॉन्च किया. गाय के गोबर से निर्मित भारत के इस पहले पेंट को खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने विकसित किया है. यह एक पर्यावरण के अनुकूल, गैर विषाक्त पेंट है, जिसे “खादी प्राकृतिक पेंट” (Khadi Prakritik Paint) नाम दिया गया है.
यह अपनी तरह का पहला उत्पाद है, जिसमें एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण समाहित हैं. इस अवसर पर केन्द्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह, केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंग और केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना भी उपस्थित थे.
किसानों की आय को बढ़ाने वाले दिशा में एक सकारात्मक कदम
लॉन्च कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह प्रयास किसानों की आय को बढ़ाने वाले प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है. उन्होंने कहा कि यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने का इतना प्रभावशाली प्रयास है, जिससे शहरों में रह रहे ग्रामीणों का फिर से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर पलायन शुरू हो जाएगा.
पेंट की कीमत आधे से भी कम
पेंट की सस्ती दरों (डिस्टेंपर केवल 120 रुपये प्रति लीटर और इमल्सन केवल 225 रुपये प्रति लीटर) के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि ये कीमतें बड़ी कंपनयों द्वारा वसूली जाने वाली कीमतों की तुलना में आधे से भी कम हैं. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस पेंट के निर्माण और विपणन में सरकार की भूमिका केवल एक सूत्रधार की है, वास्तव में इस पेंट का निर्माण और विपणन पेशेवर तरीके से किया जाएगा और इसे देश के प्रत्येक हिस्से तक पहुंचाया जाएगा.
कुमारप्पा राष्ट्रीय हस्तनिर्मित कागज़ संस्थान ने किया विकसित
खादी प्राकृतिक पेंट दो रूपों में उपलब्ध है– डिस्टेंपर पेंट और प्लास्टिक इमल्शन पेंट. इस परियोजना की परिकल्पना मार्च 2020 में केवीआईसी के अध्यक्ष ने की थी, और बाद में इसे केवीआईसी की एक इकाई के रूप में काम करने वाले कुमारप्पा राष्ट्रीय हस्तनिर्मित कागज़ संस्थान, जयपुर ने विकसित किया.
गाय के गोबर के उपयोग से पर्यावरण होगा स्वच्छ
इस पेंट में शीशा, पारा, क्रोमियम, आर्सेनिक, कैडमियम जैसी अन्य कोई भी भारी धातु नहीं है. ये स्थानीय स्तर पर निर्माण को बढ़ावा देगा और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से स्थायी स्थानीय रोज़गार सृजित करने में मदद करेगा. इस तकनीक से पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों के निर्माण लिए कच्चे माल के रूप में गोबर की खपत बढ़ेगी और किसानों तथा गौशालाओं के लिए अतिरिक्त राजस्व के अवसर बढ़ेंगे. गाय के गोबर के उपयोग से पर्यावरण स्वच्छ होगा और नालियों के अवरुद्ध होने जैसी समस्या भी खत्म होगी.
देश की तीन प्रतिष्ठित राष्ट्रीय प्रयोगशालाओ में किया गया पेंट का परीक्षण
खादी प्राकृतिक डिस्टेंपर और इमल्शन पेंट का परीक्षण देश की तीन प्रतिष्ठित राष्ट्रीय प्रयोगशालाओ में किया गया है -
• राष्ट्रीय परीक्षण शाला (नेशनल टेस्ट हाउस), मुंबई
• श्री राम औद्योगिक अनुसंधान संस्थान (श्री राम इंस्टीट्यूट फॉर इंडस्ट्रियल रिसर्च), नई दिल्ली
• राष्ट्रीय परीक्षण शाला (नेशनल टेस्ट हाउस), ग़ाज़ियाबाद
पैमानों को सफलतपूर्वक किया पूरा
खादी प्राकृतिक इमल्शन पेंट बीआईएस 15489:2013 मानक के अनुरूप है, जबकि खादी प्राकृतिक डिस्टेंपर पेंट बीआईएस 428:2013 मानक के अनुरूप है. इस पेंट ने परीक्षण के दौरान ‘एप्लिकेशन ऑफ पेंट, थिनिंग प्रॉपर्टीज़, ड्राइंग टाइम एंड फिनिश’ जैसे तमाम पैमानों को सफलतपूर्वक पूरा किया है. यह 4 घंटे से भी कम समय में सूखता है और बेहतर तरीके से सतह पर लगता है.
इस पेंट को अंदर और बाहर दोनों ही दीवारों पर लगाया जा सकता है. डिस्टेंपर और इमल्शन पेंट दोनों ही सफेद आधार रंग (बेस कलर) में उपलब्ध हैं, और उचित रंगों के मिश्रण से कोई भी रंग बनाया जा सकता है.