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Updated on: 11 March, 2023 6:30 PM IST
बागवानी निर्यात के लिए बाजरा प्रोत्साहन योजना

Karnataka: कर्नाटक सरकार ने बाजरा उत्पादन को प्रोत्साहित करने, बागवानी को बढ़ावा देने और निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए नए कार्यक्रम शुरू करने के लिए राज्य में जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की योजना की शुरुआत करने जा रही है.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने 2023-24 के लिए अपनी बजट प्रस्तुति में 'रैथासिरी योजना” के तहत बाजरा उत्पादन बढ़ाने के लिए ₹10,000 प्रति हेक्टेयर के प्रोत्साहन की घोषणा की है. उन्होंने इस वर्ष किसानों को ब्याज मुक्त अल्पावधि ऋण की सीमा भी तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी है. बोम्मई का कहना है कि नई "मुख्यमंत्री रायता उन्नति योजना" उन किसान-उत्पादक संगठनों को प्राथमिकता देगी जो अपनी फसलों को खेत स्तर पर प्रोसेस, ग्रेड और पैक करते हैं.

बागवानी उत्पादों की कर्नाटक में अब 26.21 लाख हेक्टेयर में खेती की जाती है, जिसमें 242 मिलियन टन का उत्पादन होता है, जिसका मूल्य ₹66,263 करोड़ है. बोम्मई ने आगे कहा कि आलू के बीज की खेती में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए किसानों को एपिकल रूट कल्चर टेक्नोलॉजी उचित कीमत पर उपलब्ध कराई जाएगी. आलू उगाने के लिए उत्तरी राज्यों से आलू बीज का आयात किया जा रहा है. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के खेतों में तालाबों का निर्माण करके जमीन का जल स्तर को बढ़ाने के लिए 'जलनिधि' नामक एक नई परियोजना शुरू की जाएगी. इसे मनरेगा योजना से जोड़कर सभी किसानों को अपनी जमीन पर खेत तालाब बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

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कर्नाटक ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कृषि और संबद्ध गतिविधियों के क्षेत्र को 39,031 करोड़ रुपये का अनुदान आवंटित किया है. 'किसानों को दिए जाने वाले ब्याज मुक्त अल्पकालिक ऋण की सीमा को इस वर्ष से ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख किया जाएगा. बोम्मई ने कहा कि इससे किसानों को अपने खेतों की तैयारी के लिए आवश्यक धन प्राप्त करना आसान हो जाएगा. लगभग 30 लाख किसानों को इस वर्ष कुल ₹25,000 करोड़ का ऋण प्राप्त होगा.

English Summary: Karnataka introduces millets incentive scheme for horticultural exports
Published on: 11 March 2023, 05:23 PM IST

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