अब मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने किसानों को स्वतंत्रता सेनानियों की भाँती ताम्रपत्र देने का फैसला लिया है. ये ताम्रपत्र किसानों को कर्जमाफ़ी के बाद सम्मान के रूप में दिए जाएंगे. ये तांबे के पत्र जिन किसानों को दिये जायेगें, उस पर सरकार द्वारा माफ़ किया कर्ज का पूरा लेखा-जोखा होगा. जैसे- बैंक और समिति का नाम, कर्ज और माफी की गई पूरी राशि आदि. यह एक प्रकार से सरकार द्वारा माफ किये गए कर्ज का प्रमाण पत्र होगा. माना जा रहा है की कांग्रेस कर्जमाफी के मुद्दे को लोकसभा चुनाव 2019 में भुनाने वाली है. इसी कर्जमाफी के मुद्दे की बदौलत कांग्रेस मध्यप्रदेश में 15 साल का वनवास काट कर सत्ता में वापस आई है. अब इसी मुद्दे को हथियार बनाकर कांग्रेस लोकसभा चुनाव में भी उतरने की तैयारी में है.
बता दें कि कांग्रेस ने अपने वादे के मुताबिक प्रदेश में कर्जमाफी की प्रक्रिया चालू कर दी है. अब तक की बात करें तो प्रदेश में 53 लाख 18 हजार 757 किसानों के खातों में 42 लाख 4 हजार 463 रुपए ऋण माफी के लिए आवेदन दिए है. जिसमे से 14 लाख 29 हजार 879 किसानों के खातों में पैसा पहुंच चुका है. शेष बचे हुए किसानो के खातों में जल्द पैसे भेज दिये जाएंगे. इस कर्जमाफी(जय किसान फसल ऋण योजना) के बाद सरकार किसानों को ताम्रपत्र देगी जो एक तरिके से कर्जमाफी का प्रमाण होगा. हालांकि अभी ये तय नहीं है की ताम्रपत्र से कैसा होगा. मीडिया में खबरे आ रही है की अभी इसके सैंपल मगवाये गए है जल्द ही इसे फाइनल कर छापने के आदेश दे दिए जायेंगे. इसके पीछे कांग्रेस सरकार का मकसद है किसान इस कर्जमाफी को हमेसा याद रखे.
इससे पहले भी मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले ही लोकतंत्र सेनानीयों को ताम्रपत्र बाटे थे. जो स्वतंत्रता सेनानियों को दिए गए थे. जिला कलेक्टरों के माध्यम से वितरित किया गया था.