किसानों को कर्ज के जाल से निकालने लिए सरकार कई कोशिशें करती रही है. इसी दिशा में अब ओडीशा सरकार किसानों के लिए कालिया की मदद ले रही है. आप के मन एक सवाल आ रहा होगा कि आखिर यह कालिया है कौन और यह किसानों की मदद क्यों करना चाहता है? बता दें कि ये किसी आदमी का नाम नहीं है बल्कि यह ओड़ीशा सरकार की एक योजना है. जिसके तहत सरकार किसानों को समृद्ध करना चाहती है. राज्य कैबिनेट ने 10 हजार करोड़ रुपये की 'जीविकोपार्जन एवं आय वृद्धि के लिए कृषक सहायता' यानी Krushak Assistance for Livelihood and Income Augmentation (KALIA) को मंजूरी दी है. राज्य सरकार इस स्कीम की मदद से किसानों को कर्ज देने के बजाय फसल के लिए आर्थिक मदद देने का फैसला किया है.
इस योजना के तहत राज्य के छोटे किसानों को रबी और खरीफ की फसल के लिए प्रति सीजन 5-5 हजार रूपये की मदद दे जाएगी. राज्य सरकार की कालिया स्कीम में कर्जमाफी जैसे प्रावधान नहीं शामिल किये गए हैं लेकिन राज्य के सभी छोटे और सीमान्त किसानों को आर्थिक मदद के तौर पर प्रति परिवार 5-5 हजार रुपये अर्थात सालाना 10,000 रुपये दिए जाएंगे.
राज्य सरकार किसानों को मदद देने के लिए तेलंगाना के मॉडल पर भी चर्चा कर रही है. हाल में ही ओडीशा और झारखण्ड में भी खेती और किसान सहायता के सूत्र बनाए गए थे. तेलांगना में जहाँ किसानों को भूमि के आधार पर लाभ दिया जाता है वहीं ओडीसा में सीधे किसानों को लाभ पहुंचाने का विचार बनाया है जिससे सीधा लाभ छोटे से छोटे किसान को मिले सके.
नवीन पटनायक सरकार ने कालिया योजना के तहत 50 हजार रुपये का फसल ऋण 0% ब्याज देने के लिए प्लान बनाया है जबकि अन्य राज्यों में अभी किसानों को कृषि कर्ज के लिए कम से कम चार फीसदी ब्याज देना पड़ता है बिना ब्याज वाला लोन खरीफ सीजन के लिए मिलेगा. सरकारी कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं दिया जायेगा. दलित-आदिवासी भूमिहीन लोगों को कृषि से जुड़े काम करने के लिए 12,500 रुपये की सहायता दी जाएगी.