कुछ कर गुज़रने की चाहत आपको सफलता की राहों में उतार देती है. इस संदर्भ में कृषि जागरण अपने चौपाल सत्र में उन महान हस्तियों को आमंत्रित करता रहता है जिनके आने से चौपाल में चार-चांद लग जाते हैं. इसी कड़ी में, 10 जून 2022 को कृषि जागरण चौपाल में टेफ्ला एंटरटेनमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक, कैलाश सिंह ने अपने भव्य कदम रखें.
कृषि जागरण चौपाल में पहुंचे कैलाश सिंह
चौपाल चर्चा में आगे बढ़ते हुए, कृषि जागरण के एडिटर इन चीफ, एम.सी डोमिनिक ने उन्हें सम्मानित किया और उनके लिए अपने भाव प्रकट किए. जिसमें उन्होंने कहा कि "मैंने कई लोग देखें जो कुछ न कुछ अलग करते हैं लेकिन कैलाश सिंह जी एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनसे हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए".
जिसके बाद, कैलाश सिंह जी ने अपने अनुभवों को कृषि जागरण की टीम के साथ साझा करते हुए बताया कि उन्होंने टेफ्ला कंपनी की शुरुआत बड़े ही रोचक तरह से की थी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उन्होंने अपने शब्दों की शुरुआत युवा अवस्था के अनुभवों के साथ की, जब वह जेएनयू में पढ़ा करते थे.
कैलाश सिंह जी के मज़ेदार किस्से
वह हस्ते हुए बताते हैं कि, एक बार कोई मीडियाकर्मी किसी काम के लिए जेएनयू आया था जहां उसने कैलाश जी के हाथ का कबाब चखा था. इसके बाद, अगले दिन अख़बार में उन्होंने अपनी स्टोरी छपी देखी जिसमें लिखा था "कैलाश सिंह, कबाब किंग". और इसी से प्रेरित होकर उन्होंने अपनी यूनिवर्सिटी में टिफ़िन सर्विस शुरू कर दी थी.
टिफिन सर्विस से की शुरुआत
उन्होंने टेम्पटिंग टिफिन सर्विस नाम से जेएनयू में छात्रों से लेकर मास्टर्स तक को कबाब खिलाने शुरू कर दिए थे. कैलाश सिंह जी का कहना था कि, जो इंसान जेएनयू जैसी यूनिवर्सिटी में पढ़ता है उसके अंदर कुछ भी करने का एक अलग ही जूनून होता है, जिसके चलते उन्होंने यह सब शुरू किया था.
टेफ्ला कंपनी की कहानी
वह आगे बताते हैं कि उन्होंने टेम्पटिंग टिफ़िन सर्विस से ही टेफ्ला शब्द निकाला था और फिर कुछ समय बाद, वह किसी कांफ्रेंस में पहुंचे थे और उन्होंने देखा कि वहां लोगों की भारी भीड़ जमा हो रही थी जिसके बाद उन्होंने टेफ्ला को एंटरटेनमेंट और इवेंट कंपनी में सफलतापूर्वक तब्दील कर दिया और इसी के बाद से उनकी नई यात्रा शुरू हो गई और आज वह बड़े पैमाने पर इस कंपनी का संचालन कर रहे हैं.
बता दें कि, कैलाश सिंह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन में स्नातकोत्तर हैं और उन्होंने स्वास्थ्य, आवास, शिक्षा आदि के क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास अनुसंधान में काफी समय बिताया है. उनकी शोध पृष्ठभूमि ने उन्हें अवधारणा और योजना बनाने में मदद की है.
कृषि जागरण और टेफ्ला ने बढ़ाया कदम
इसके अतिरिक्त एक नई शुरुआत के साथ कृषि जागरण और टेफ्ला कृषि क्षेत्र में नए चीज़ों को उभारने के लिए तैयार हो चूका है और भविष्य में इसमें क्रांति लाने के लिए कृषि जागरण के सभी सदस्यों ने टेफ्ला से अपना हाथ मिलाया है.
इस कार्यक्रम का समापन करते हुए कृषि जागरण के सीओओ, डॉक्टर पंत जी ने अपने जेएनयू के किस्सों बताते हुए कैलाश सिंह जी के लिए आभार प्रकट किया. बता दें कि इस कार्यक्रम में कृषि जागरण के स्तंभ भी शामिल रहे जिसमें श्रीमती शायनी डोमिनिक (डायरेक्टर), पी.एस सैनी (सीनियर वाईस प्रेजिडेंट), मृदुल उप्रेती (डीजीएम) व अन्य सदस्य शामिल रहे.
टेफ्ला एंटरटेनमेंट
टेफला सम्मेलनों, प्रदर्शनियों और कार्यक्रमों के माध्यम से वैश्विक व्यापार का प्लेटफार्म तैयार करता है. इनके साथ विशेष उद्योगों की भागीदारी है जिसमें ग्लोबोइल इंडिया, ग्लोबॉयल दिल्ली, ग्लोबॉयल इंटरनेशनल, सीईओ वीकेंड, शुगर समिट, ग्लोबल स्पाइसेस आदि शामिल हैं.
थिंक फाउंडेशन, टेफला की एक सामाजिक पहल है जिसका उद्देश्य व्यवहार्य सीएसआर मॉडल के विकास को सुविधाजनक बनाना और सदस्यों को उनकी सीएसआर रणनीतियों और कार्यक्रमों को तैयार करने या लागू करने में सहायता करना, संगठन की सीएसआर प्रतिबद्धताओं और प्रदर्शनों का मूल्यांकन और ऑडिट करना और एक सूचना और अभियान के रूप में कार्य करना है.
कृषि जागरण को किया आमंत्रित
कैलाश सिंह जी ने कृषि जागरण के सभी सदस्यों को "ग्लोबोइल इंडिया आगरा एडिशन" में आने के लिए आमंत्रित किया तथा आवाहन किया कि किस तरह कृषि जागरण अपनी सशक्त प्रस्तुति को टेफ्ला के साथ मिलकर एक-दूसरे की सहायता कर सकता है.