बीते कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर में हो रही सियासी हलचल के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर पर हर किसी की नजर बनी हुई है. इन दिनों जम्मू कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती के साथ-साथ सियासी हलचल भी बढ़ रही है. ऐसे में केंद्र सरकार कश्मीर पर क्या बड़ा एक्शन ले सकती है इसको लेकर सियासी जगत में बस कयास लगाए जा रहे है. कश्मीर में लगातार बदलते हालात के बीच सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और एनसी नेता उमर अब्दुल्ला को देर रात श्रीनगर में नजरबंद कर दिया गया है. वही नजरबंद होने के बाद उमर अब्दुल्ला ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.
उमर अब्दुल्ला ने किया था नजरबंद होने का दावा
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में हो रही सियासी हलचल के मद्देनजर पहले ही उमर अब्दुल्ला ने नजरबंद होने का दावा कर दिया था. जिसके बाद मीडिया जगत के साथ – साथ सियासी गलियारों में उनके नजरबंद होने की चर्चा होने लगी थी. उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा कि मुझे लगता है कि मुझे आज (रविवार) आधी रात से नजरबंद कर दिया जाएगा और सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के लिए भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. यह पता करने का कोई तरीका नहीं है कि क्या यह सच है.
कश्मीर में क्या हो रहा है? आगे क्या होगा? कश्मीर पर केंद्र सरकार कोई बड़ा फैसला लेने वाली है? ऐसे बहुतेरे सवाल हैं जो कि हर किसी के मन में उठ रहे हैं. फोन बंद होने के साथ ही घाटी में धारा 144 लागू है ऐसे में घाटी पर हर किसी की नज़र है. जम्मू-कश्मीर में इस तरह के हालात करगिल लड़ाई के बाद पहली बार बन रहे हैं. हालांकि करगिल लड़ाई के वक्त में भी लैंडलाइन कि सेवाएं बंद नहीं किए गए थे, लेकिन इस बार इन पर भी पाबंदी लगा दी गई है.
पिछले 24 घंटे में क्या-क्या फैसले लिए गए हैं-
1. श्रीनगर और जम्मू में सुरक्षा के मद्देनजर धारा 144 लागू कर दी गई है.
2. पूरी घाटी में मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है.
3. सिर्फ जम्मू में ही CRPF की 40 कंपनियों को तैनात किया गया है.
4. पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और एनसी नेता उमर अब्दुल्ला को देर रात श्रीनगर में नजरबंद कर दिया गया