Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 28 May, 2024 12:45 PM IST
कृषि जागरण के संस्थापक और प्रधान संपादक एमसी डोमिनिक और आईएसएफ के उपाध्यक्ष आर्थर संतोष अत्तावर, फोटो साभार: कृषि जागरण

ISF World Seed Congress 2024: नीदरलैंड में चल रहे आईएसएफ वर्ल्ड सीड कांग्रेस 2024 कार्यक्रम में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैश्विक कृषि वैज्ञानिक व अधिकारी नीदरलैंड के खूबसूरत शहर रॉटरडैम में एकत्र हुए है, जहां रॉटरडैम अहोई के पवित्र हॉल विश्व बीज कांग्रेस 2024 की मेजबानी कर रहे हैं. कृषि जागरण के संस्थापक और प्रधान संपादक एमसी डोमिनिक व्यक्तिगत रूप से इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं. इसके अलावा इस कार्यक्रम में दुनिया भर के दिग्गज खाद्य सुरक्षा से भरपूर भविष्य को आकार देने में बीजों की शक्ति का पता लगा रहे हैं, जैसा कि #WorldSeed2024 की थीम में दर्शाया गया है. व्यापार आदान-प्रदान, रणनीतिक बैठकों, आकर्षक प्रदर्शनियों और आकर्षक गोलमेज चर्चाओं के बीच, उपस्थित लोग एक उज्जवल कृषि भविष्य की ओर मार्ग प्रशस्त करना.

डोमिनिक के साथ बातचीत में, आईएसएफ के उपाध्यक्ष आर्थर संतोष अत्तावर, जो इस सम्मान को प्राप्त करने वाले पहले भारतीय है. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, "इस साल आईएसएफ का 100वां साल मनाया जा रहा है, जिसकी शुरुआत 1924 में हुई थी. इस बार हमारे पास लगभग सौ भारतीय प्रतिनिधि हैं और यह सभी उपस्थित लोगों के लिए बहुत अच्छा अनुभव है. इस साल का विषय उद्योग की लचीलापन और यह कैसे अभिनव होने के साथ-साथ किसानों के लिए अच्छे मूल्यवर्धित उत्पाद विकसित करने में कामयाब रहा है. यह लगातार खुद को बेहतर बनाने का प्रयास करता है, चाहे वह बीजों की आवाजाही हो, नियामक मुद्दे हों."

आईएसएफ भारतीय बीज उद्योग का समर्थन करता है, तो इस संदर्भ में अत्तावर ने बताया, "यह एक वैश्विक संगठन है और भारत इसका एक बड़ा हिस्सा है. भारतीयों के लिए इसका लाभ यह है कि उन्हें अत्याधुनिक तकनीकों का ज्ञान मिल रहा है और वे अधिक टिकाऊ प्रथाओं को अपना रहे हैं. यह भारत के लिए बहुत मददगार होगा, क्योंकि इसकी कृषि अर्थव्यवस्था में 55 प्रतिशत आबादी शामिल है." उन्होंने युवाओं से आगे आकर कृषि क्षेत्र में खुद को शामिल करने का आग्रह किया.

उन्होंने आगे कहा, "अगले कुछ दिन भी उतने ही रोमांचक होंगे. हम इस साल नीदरलैंड के राजा द्वारा इस कार्यक्रम का उद्घाटन किए जाने से रोमांचित हैं. अगला कार्यक्रम इस्तांबुल में होगा जिसमें युवा उद्यमियों और पेशेवरों को प्रतिनिधि के रूप में भाग लेंगे."  

English Summary: ISF World Seed Congress 2024 focused on innovation says ISF Vice President Arthur Santosh Attavar latest news
Published on: 28 May 2024, 12:55 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now