अगर यह सिलसिला यूं ही जारी रहा तो फिर वो दिन दूर नहीं, जब किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा. अब तक तो महज इसे लेकर कयास ही लगाए जाते रहे हैं, लेकिन अब ऐसा माना जा रहा है कि बहुत जल्द ही कयास हकीकत में तब्दील हो जाएगा और अभी इन कयासों को किसानों के बयान ने और बल दे दिया है. पलवल के किसानों ने साफ कह दिया है कि अब तक हम किसान आंदोलन को पूरा समर्थन देते हुए आए हैं, लेकिन अब हम किसान आंदोलन को पूरा समर्थन नहीं दे पाएंगे या फिर अगर समर्थन देते हैं, तो फिर उस तरह से सक्रिय नहीं हो पाएंगे, जैसा की अब तक थे.
आखिर क्यों आंदोलन से छिटक रहे हैं किसान
यहां हम आपको बताते चले कि पलवल के किसानों का कहना है कि अभी यह कटाई का मौसम है. फसल पक कर तैयार हो चुकी है. यह समय कटाई है, इसलिए अब हम आंदोलन में सक्रिय भूमिका नहीं निभा पाएंगे. पलवल के किसानों का यह बयान आज केएमपी एक्सप्रेस वे पर सड़क जाम करने के लिए निर्धारित किया गया था, मगर कल तक जहां कृषि कानूनों के खिलाफ जहां पहले किसानों का हुजूम दिखता था.
आज वहां बहुत कम ही किसान दिखे और ऊपर से पलवल के किसानों की तरफ से आया ये बयान किसान आंदोलन के कमजोर होने की राह प्रशस्त करता हुआ नजर आ रहा है. खैर, अब आगे चलकर किसानों का यह आंदोलन क्या रूख अख्तियार करते हैं. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.
वहीं, किसान नेता राजकुमार ओलियान ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से बैठक कर यह फैसला लिया गया कि अब सड़कों के जाम नहीं किया जाएगा. खैर, अब आगे क्या कुछ होता है. इसके लिए तो मुनासिब रहेगा कि हम आने वाला वक्त का इंतजार करें.