नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद करेंगे कृषि जागरण के 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के दूसरे संस्करण की जूरी की अध्यक्षता Millets Varieties: बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलती है अच्छी पैदावार, जानें नाम और अन्य विशेषताएं Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान! आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Updated on: 10 April, 2021 6:06 PM IST
Farmer Protest

अगर यह सिलसिला यूं ही जारी रहा तो फिर वो दिन दूर नहीं, जब किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा. अब तक तो महज इसे लेकर कयास ही लगाए जाते रहे हैं, लेकिन अब ऐसा माना जा रहा है कि बहुत जल्द ही कयास हकीकत में तब्दील हो जाएगा और अभी इन कयासों को किसानों के बयान ने और बल दे दिया है. पलवल के किसानों ने साफ कह दिया है कि अब तक  हम किसान आंदोलन को पूरा समर्थन देते हुए आए हैं, लेकिन अब हम किसान आंदोलन को पूरा समर्थन नहीं दे पाएंगे या फिर अगर समर्थन देते हैं, तो फिर उस तरह से सक्रिय नहीं हो पाएंगे, जैसा की अब तक थे.

आखिर क्यों आंदोलन से छिटक रहे हैं किसान

यहां हम आपको बताते चले कि पलवल के किसानों का कहना है कि अभी यह कटाई का मौसम है. फसल पक कर तैयार हो चुकी है. यह समय कटाई है, इसलिए अब हम आंदोलन में सक्रिय भूमिका नहीं निभा पाएंगे. पलवल के किसानों का यह बयान आज केएमपी एक्सप्रेस वे पर सड़क जाम करने के लिए  निर्धारित किया गया था, मगर कल तक जहां कृषि कानूनों के खिलाफ जहां पहले किसानों का हुजूम दिखता था.

आज वहां बहुत कम ही किसान दिखे और ऊपर से पलवल के किसानों की तरफ से आया ये बयान किसान आंदोलन के कमजोर होने की राह प्रशस्त करता हुआ नजर आ रहा है. खैर, अब आगे चलकर किसानों का यह आंदोलन क्या रूख अख्तियार करते हैं. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.

वहीं, किसान नेता राजकुमार ओलियान ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से बैठक कर यह फैसला लिया गया कि अब सड़कों के जाम नहीं किया जाएगा. खैर, अब आगे क्या कुछ होता है. इसके लिए तो मुनासिब रहेगा कि हम आने वाला वक्त का इंतजार करें.     

English Summary: is farmer protest will be weak
Published on: 10 April 2021, 06:11 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now