इंडिया पल्सेज एंड ग्रेन्स एसोसिएशंस (भारत दलहन एवं अनाज संघ) (आईपीजीए), जोकि भारत के दलहन व्यापार एवं उद्योग के लिए केंद्रीय संस्था है, द्वारा आईपीजीए नॉलेज सीरीज़ के तत्वाधान में शुक्रवार, 18 सितंबर, 2020 शाम 5 बजे खरीफ क्रॉप आउटलुक वेबिनार आयोजित किया जाएगा. आईपीजीए नॉलेज सीरीज़ में सरकार, बाज़ार, एवं उद्योग से प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के साथ भारत और संपूर्ण विश्व में दलहन क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने के लिए वेबिनार का आयोजन किया जाता है.
खरीफ क्रॉप आउटलुक वेबिनार में प्रतिष्ठित पैनलिस्ट को शामिल किया जाएगा जैसे डॉ. एस. के. मल्होत्रा, कृषि आयुक्त, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, जतिन सिंह, संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक, स्काईमेट वेदर सर्विसेज़ प्राइवेट लिमिटेड, नीरव देसाई, मैनेजिंग पार्टनर, जीजीएन रिसर्च, बी कृष्णमूर्ति, प्रबंध निदेशक, फोर-पी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई, अनिष गोयल, डायरेक्टर, एग्रोप्योर कैपिटल फूड्स (जीपीए कैपिटल फूड्स) और नितिन कलंत्री, सीईओ, कलंत्री फूड प्रॉडक्ट्स. वेबिनार को जानेमाने टेलिविज़न एँकर और कमोडिटी विशेषज्ञ कुमारी मनीषा गुप्ता, एडिटर – कमोडिटीज़ एँड करेन्सीज़, सीएनबीसी टीवी18 द्वारा संचालित किया जाएगा.
जीतू भेड़ा, चेयरमैन, आईपीजीए ने कहा, “यह साल का वो समय है जब भारत और विदेशों में पूरा व्यापार खऱीफ की फसल और उत्पाद के अनुमानित आँकड़ों पर बारीकी से नज़र बनाए रखता है. यह सभी क्षेत्र विशेषज्ञों को एक साथ लाने का सर्वश्रेष्ठ मौका उपलब्ध कराता है ताकि इस साल की खरीफ फसल से क्या उम्मीद की जा सकती है इसका अनुमान लगाने की कोशिश की जा सके.”
आईपीजीए के वाइस-चेयरमैन बिमल कोठारी ने खरीफ वेबिनार के बारे में कहा, “ना सिर्फ देश और दुनियाभर में जारी कोविड-19 महामारी का असर बल्कि सभी जगहों पर मौजूद अतिवृष्टि या अनावृष्टि यानी बारिश की कमी इस महत्वपूर्ण चरण में सभी विशेषज्ञों की उम्मीदों को झुठलाते हुए वास्तविक उत्पादन को पूरी तरह बदल सकते हैं. इस वेबिनार में महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जैसे बुआई, अनुमानित उत्पादन, माँग और आपूर्ति, मूल्य दृष्टिकोण, इसके साथ ही वर्षा की मात्रा, साल के अंत तक मौसम की स्थितियाँ और दलहन की फसल की कटाई तक आगामी महीनों में अनुमानित असर, खास तौर पर तूर पर साल के अंत तक, दलहनों का बचा हुआ स्टॉक, उड़द, मूँग, और तूर जैसी खरीफ फसलों के लिए कोविड-19 महामारी का असर इत्यादि.”
इसके साथ ही वेबिनार के पैनलिस्ट कोविड-19 महामारी की परिस्थिति में मिल सेक्टर द्वारा सामना की जा रही चुनौतियों और मिल कारोबारियों द्वारा उनकी क्षमता उपयोग और मिलिंग मार्जिन को अधिकतम करने के लिए अपनाई जा रही रणनीति पर भी गहराई से चर्चा करेंगे.
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